भारतीय रिजर्व बैंक ने चार सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इन बैंकों पर कुल 9 लाख रुपये जुर्माना ठोका गया।
इन बैंकों में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक, वडोदरा (गुजरात), अस्का कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, अस्का, बल्ली कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हावड़ा, पश्चिम बंगाल और नबापल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक, वडोदरा (गुजरात) (बैंक) पर नाबार्ड द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी – धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश’ संबंधी निदेशों के उल्लंघन के 5 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
अस्का को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, अस्का (बैंक) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक – (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए पचास हजार रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, बाली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हावड़ा, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक – (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 1,00,000 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि नबापल्ली को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी निदेशों और ‘भारतीय रिजर्व बैंक – (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 2,50,000 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।