भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में चार सहकारी बैंकों पर 8.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इन बैंकों में देविका अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उधमपुर, जम्मू-कश्मीर, दहानू रोड जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पालघर, महाराष्ट्र, वालचंदनगर सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र और श्री को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा (गुजरात) का नाम शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वड़ोदरा, गुजरात (बैंक) पर ‘निदेशकों, रिश्तेदारों तथा फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
दि दहानू रोड जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पालघर, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, देविका अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उधमपुर, जम्मू और कश्मीर (बैंक) पर निदेशकों, रिश्तेदारों तथा फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम की मंजूरी संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
और वालचंद नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक – (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 4.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।