केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आने वाले वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक साहित्यिक पुरस्कार समारोह में बोलते हुए कहा कि एक अलग सहकारिता मंत्रालय का निर्माण दर्शाता है कि सरकार सहकारी क्षेत्र को कितना महत्व देती है और इस कदम ने इस क्षेत्र को पुनर्जीवित और मजबूत किया है।
सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को आश्वासन दिया है कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। देशभर की सहकारी समितियां इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और सहकारी समितियां ही भारत को आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाएंगी।“
उन्होंने कहा कि सहकारिता आज एक समृद्ध क्षेत्र है और न केवल हमारे संविधान में इसका उल्लेख है बल्कि सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक अलग सहकारिता मंत्रालय भी बनाया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सहकारिता आंदोलन ने देश में किसानों की समृद्धि के लिए कई अवसर खोले हैं। “नेफेड, इफको और अमूल जैसी कई सहकारी समितियों ने किसानों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे संस्थान केवल कृषि क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि बैंकिंग क्षेत्र में भी विस्तार कर रहे हैं। देश भर में कई सहकारी बैंक आज अपने सदस्यों को कृषि गतिविधियों और लघु उद्यम स्थापित करने के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान कर रहे हैं।”
किसान उत्पादक संगठनों या एफपीओ के बारे में बात करते हुए, राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि एफपीओ के कारण, किसान अब फसलों की बुआई से लेकर उपज के निर्यात तक संगठित तरीके से काम कर रहे हैं, जिससे न केवल फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है, बल्कि उनकी विक्रय शक्ति में भी काफी वृद्धि हुई है।
फसल उपज के निर्यात पर उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एफपीओ किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास में एक आवश्यक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
सरकार की योजना “सहकार से समृद्धि” का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार इस योजना के जरिए देश में सहकारी चीनी उद्योग समेत कई क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है। हम इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों को भी मजबूत कर रहे हैं। इस योजना के माध्यम से हमारे प्रयासों से देश भर में एक मजबूत सहकारी आंदोलन बनाने में मदद मिलेगी। ‘सहयोग से समृद्धि’ सिर्फ हमारी योजना नहीं, हमारा मंत्र है।
इस बात पर जोर देते हुए कि स्वयं सहायता समूह देश में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, सिंह ने महिलाओं को रोजगार प्रदान करने में स्वयं सहायता समूहों के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लाल किले की प्राचीर से घोषणा की थी कि सरकार इन स्वयं सहायता समूहों की मदद करके लगभग दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का प्रयास करेगी। लखपति दीदी से हमारा तात्पर्य न केवल महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण है बल्कि हमारी लखपति दीदी देश के ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगी।“
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रमिकों और उद्यमियों के हितों को एकीकृत करने के सरकार के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जब से हम सरकार में आए हैं, हमने श्रमिकों और उद्यमियों दोनों के हितों को राष्ट्र के हितों से जोड़ा है और उनकी आर्थिक समृद्धि के लिए अथक प्रयास किया है।”