पंजाब सरकार के सहकारिता विभाग ने हाल ही में सहकारी समितियों के पंजीकरण के लिए 1 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक सरकारी पंजीकरण शुल्क लगाने से जुड़ी अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना के अनुसार, कुल 32 प्रकार की सहकारी समितियाँ हैं, जिन्हें ये शुल्क चुकाना होगा।
इस बीच सहकार भारती की पंजाब इकाई अधिसूचना का विरोध कर रही है और उसका कहना है कि इससे पंजाब राज्य में सहकारिता आंदोलन का विस्तार करने में काफी कठिनाई होगी।
सहकार भारती के एक कार्यकर्ता ने कहा, “हमने इस अधिसूचना को वापस लेने के लिए पंजाब सीएम को एक ज्ञापन भेजा है। यह कदम 97वें सीएए के भी खिलाफ है। यह आईसीए द्वारा अपनाए और पारित किए गए सात सहकारी सिद्धांतों के भी विरुद्ध है।