भारत में कृषि क्षेत्र एक उल्लेखनीय परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जो प्रौद्योगिकी और नवीन प्रथाओं में तीव्र गति से हो रही प्रगति से प्रेरित है। कृषि-स्टार्ट-अप और अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताओं से लैस निजी क्षेत्र की संस्थाओं की उपस्थिति से इस विकास में तेजी आई है।
इन नवाचारों का लाभ उठाने के लिए, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) आदि जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
इसमें डोमेन विशेषज्ञ और उद्योग के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। यह समिति उन नवोन्मेषी समाधानों का मूल्यांकन करेगी जो किसानों की भलाई पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने समस्या विवरणों का एक सेट तैयार किया है, जिसके समाधान के लिए इच्छुक संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं।
इसने उन संस्थाओं के लिए एक रास्ता खोल दिया है जो कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं या काम करने के इच्छुक हैं और इस क्षेत्र की अंतर्निहित चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपने अभिनव समाधान दे सकते हैं। कृषि-तकनीक क्षेत्र में पिछले दशक में युवा प्रतिभाओं के कारण तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो इस क्षेत्र के लिए ईमानदारी और लगन से काम कर रहे हैं।
ऐसी संस्थाओं के सामने विश्वसनीय डेटा और रणनीतिक मार्गदर्शन की कमी जैसी चुनौतियां आती है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ऐसी सभी संस्थाओं को उनके समाधानों को संचालित करने और चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में आवश्यक सहायता प्रदान करके अवसर प्रदान करेगा। यदि समाधान नवीन हैं तो इन्हें राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू किया जा सकता है।
मंत्रालय, सरकार के साथ सहयोग करने और अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप आदि से समस्या निवारण पर रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) और प्रस्ताव आमंत्रित करेगा। यह समावेशी दृष्टिकोण कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित करते हुए विचारों और ज्ञान के गतिशील आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना चाहता है।
समिति, संभावित सहयोगियों से प्रस्तुतीकरण मांगेगी, जिसका लक्ष्य भारतीय कृषि परिदृश्य की मांगों के अनुरूप विशिष्ट प्रौद्योगिकियों और लक्षित हस्तक्षेपों की पहचान करना है। प्रस्तावित पहलों की व्यवहार्यता और मापनीयता का आकलन करने के लिए अवधारणा, मूल्य प्रस्ताव और कार्य योजना के व्यापक मूल्यांकन सहित कठोर मूल्यांकन किया जाएगा।
इस मूल्यांकन के आधार पर, समिति मंत्रालय के साथ सहयोग के लिए उपयुक्त संस्थाओं की पहचान करते हुए सिफारिशें करेगी। कुछ मामलों में, प्रो-बोनो साझेदारी को प्रोत्साहित किया जा सकता है, विशेष रूप से नवाचारों को संचालित करने और बाद में उन्हें बढ़ाने के लिए। इन ठोस प्रयासों के माध्यम से, समिति का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति और नवाचार लाना है, जिससे अंततः देश भर के किसान लाभांवित होंगे।
इच्छुक संस्थाएं कृषि क्षेत्र में नवाचारों का लाभ उठाने के लिए समस्या विवरण और रूपरेखा के साथ फॉर्म डाउनलोड कर सकती हैं, जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट (www.agricoop.gov.in) पर अपलोड किया गया है।