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एनसीईएल का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा 2 करोड़ किसानों पर : शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) द्वारा आयोजित ‘सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी’ को संबोधित किया। इस मौके पर शाह ने एनसीईएल के लोगो, वेबसाइट और ब्रोचर का लोकार्पण तथा एनसीईएल सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र भी वितरित किए।

इस अवसर पर केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि महानवमी के शुभ दिन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड का एक प्रकार से औपचारिक उद्घाटन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की स्थापना कई उद्देश्यों के साथ बहुत विचार-विमर्श के बाद की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।

उन्होंने कहा कि एनसीईएल की स्थापना के पीछे हमारे लक्ष्यों में निर्यात, विशेषकर कृषि निर्यात, को बढ़ाना, किसानों को समृद्ध बनाना, और 2027 तक देश के 2 करोड़ किसानों को उनकी भूमि को प्राकृतिक घोषित करने में सक्षम बनाना शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने एक मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी बनाई है जो भारत के प्राकृतिक खेती करने वाले इन 2 करोड़ से अधिक किसानों के ऑर्गेनिक उत्पादों को एक अच्छी पैकेजिंग, विश्वसनीय ब्रांडिंग और उच्च गुणवत्ता के सर्टिफिकेट के साथ वैश्विक बाज़ार में बेचेगी। इससे किसानों को उनके ऑर्गेनिक उत्पादों के अभी मिल रहे मूल्य से लगभग डेढ़ या दो गुना मूल्य सीधे प्राप्त होगा और इससे किसानों के लिए समृद्धि का रास्ता खुलेगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा की गई है। उन्होने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां एकसाथ 4 फसलें हो सकती हैं और अगर इनमें से एक फसल भी बायोफ्यूल के लिए उपयोग हो सके, तो हम भारत की बायोफ्यूल की ज़रूरतों को पूरा करने के बाद इसे निर्यात भी कर सकते हैं।

शाह ने कहा कि एनसीईएल की स्थापना का एक और उद्देश्य है देश में सहकारिता को मज़बूत करना, जिसमें कृषि पर निर्भर आबादी और ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादों का देश की जीडीपी में 15 प्रतिशत योगदान है और इस क्षेत्र से जुड़ी आबादी कुल आबादी की लगभग 60 प्रतिशत है। कोई भी देश अपनी 60 प्रतिशत आबादी को इग्नोर कर अर्थतंत्र को मज़बूत नहीं कर सकता और जिस अर्थतंत्र में देश की 60 प्रतिशत आबादी की जगह ना हो, वो अर्थतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि जीडीपी बढ़ाने के साथ-साथ इन 60 प्रतिशत लोगों को रोज़ग़ार देकर उन्हें समृद्ध भी बनाना है और इसका एकमात्र रास्ता है सहकारिता को मज़बूत करना। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड, देश में सहकारिता के पूरे ढांचे को नई मज़बूती देने का भी काम करेगा।

उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 1500 कोऑपरेटिव्स एनसीईएल के सदस्य बन चुके हैं और ये उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हर तहसील इसके साथ जुड़ कर किसानों की आवाज़ बने। अब तक एनसीईएल के पास 7,000 करोड़ रूपए के ऑर्डर आ चुके हैं और 15,000 करोड़ रूपए के ऑर्डर्स पर बातचीत चल रही है। सहकारिता मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में इफको, कृभको और अमूल की तरह राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड भी एक बहुत बड़ा और सफल कोऑपरेटिव वेंचर साबित होगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एनसीईएल पूरे सहकारिता क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था बनेगी और आने वाले दिनों में इसमें खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, सर्टिफिकेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट जैसे सभी पहलुओं को शामिल करते हुए एक संपूर्ण निर्यात इकोसिस्टम बनाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन हो, इसके लिए एफपीओ और पैक्स को साथ रखकर इसका एक डिजाइन तैयार किया जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ इसका फायदा किसानों तक पहुंचाने की सुचारु व्यवस्था खड़ी करने की दिशा में काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियां बनाई हैं- राष्ट्रीय स्तर पर बीज उत्पादन के लिए, ऑर्गेनिक उत्पादों के सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग के लिए और तीसरी कोऑपरेटिव निर्यात के लिए बनाई गई है।

 

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