भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के अवसर पर सहकारी समितियों को शुभकामनाएं दीं।
सहकारी क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन के बढ़ते उपयोग की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम में सहकारिता आंदोलन को विकसित करने पर सार्थक चर्चा होगी। उन्होंने इस संबंध में एनसीयूआई को एक पत्र लिखा है, जिसे हम नीचे अपने पाठकों के अवलोकन के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं- संपादक
कुछ अंश:
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा 14 से 20 नवम्बर 2023 तक 70वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के आयोजन के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई। कार्यक्रम की थीम ‘भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारी समितियों की भूमिका एवं सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी)’ अत्यंत प्रासंगिक व सराहनीय है।
हमारे देश में सहकारिता का गौरवशाली इतिहास रहा है। सहकारिता अनंत संभावनाओं के साथ राष्ट्र की उन्नति का एक अद्भुत साधन है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर बनाने तक हमारी विकास यात्रा में सहकारिता क्षेत्र का बड़ा योगदान यह सहकारिता का सामर्थ्य है जो लोगों को, विशेषकर माताओं-बहनों को आर्थिक निर्भरता प्रदान करके ‘नारी नेतृत्व में विकास’ के मंत्र को बल दे रहा है।
पिछले 9 वर्षों में हमारी विभिन्न योजनाओं के केन्द्र में सहकारिता का क्षेत्र रहा है। भारत के भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नए उपायों और नए प्रयासों को अपनाकर हम सहकार से समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। यह हमारे अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि अब सहकारिता कुछ राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश भर के गांवों व किसान साथियों की प्रगति का माध्यम बन रही है। सहकारिता और विश्वास एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारी सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों और आमजन के बीच में डिजिटल लेनदेन से जन-जन का सहकारिता पर भरोसा और दृढ़ होगा। अमृतकाल में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में सहकार की भूमिका निर्णायक होगी।
मुझे विश्वास है कि अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह कार्यक्रम में सहकारिता को लोकप्रिय बनाने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कार्य करने पर फलदायी चर्चा होगी। कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं।