इफको ने बड़े पैमाने पर और व्यवस्थित तरीके से नैनो यूरिया के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा सरकार के फैसले की सराहना की है। इसके लिए इफको ने ड्रोन, स्प्रेयर और नैनो यूरिया उपलब्ध कराने का वादा किया है।
इस कदम का स्वागत करते हुए इफको के एमडी डॉ. यू.एस.अवस्थी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “यह जानकर खुशी हुई कि हरियाणा सरकार का कृषि विभाग 1 लाख एकड़ में नैनो यूरिया का उपयोग करेगा। इस कदम का उद्देश्य किसानों को पर्यावरण अनुकूल- नैनो यूरिया और नैनो डीएपी उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।”
पाठकों को याद होगा कि हरियाणा राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने रबी सीजन 2023-24 के दौरान राज्य भर में एक लाख एकड़ भूमि पर नैनो यूरिया का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
“अधिकारियों का दावा है कि नैनो यूरिया का उपयोग पारंपरिक यूरिया की तुलना में अधिक कुशल, पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी है। यह पारंपरिक यूरिया की तुलना में फसल की उपज, गुणवत्ता और पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाता है”, टीएनएस ने अपने एक रिपोर्ट में उप निदेशक कृषि (डीडीए) डॉ. वज़ीर सिंह के हवाले से कहा।
कृषि विभाग को उम्मीद है कि यह कदम किसानों को नैनो यूरिया अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा ताकि इससे उनकी कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार हो सके। यह कृषि क्षेत्र और पर्यावरण की स्थिरता भी सुनिश्चित करेगा।
विभाग एक लाख एकड़ जमीन पर नैनो यूरिया का उपयोग करेगा, जिसके लिए किसान को ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ (एमएफएमबी) पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। कृषि विभाग उपयोग से पहले संबंधित किसान से संपर्क करेगा, ”डॉ वज़ीर सिंह, उप निदेशक कृषि (डीडीए) ने कहा।
विभाग ने जिलावार लक्ष्य भी तय किया है कि भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, करनाल और सिरसा के लिए 7,000 एकड़, वहीं जींद, कैथल और कुरूक्षेत्र के लिए 6,000 एकड़ और यमुनानगर, सोनीपत के लिए 5,000 और अंबाला के लिए 4,000 एकड़ जमीन पर नैनो यूरिया का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मेहंदरगढ़, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, झज्जर और मेवात के लिए 3,000 एकड़, चरखी दादरी, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लिए 2,000 एकड़ और पंचकुला के लिए 1,000 एकड़ जमीन पर इसका उपयोग किया जाएगा।
राज्य का किसान संबंधित ब्लॉक कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, ब्लॉक प्रौद्योगिकी प्रबंधक और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधक को भौतिक आवेदन जमा करके ऑफ़लाइन भी आवेदन कर सकता है।
“हम उनके आवेदनों को अपलोड भी करेंगे। किसानों से नैनो यूरिया की प्रति बोतल 100 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इफको हरियाणा राज्य में पर्याप्त जगह पर ड्रोन और एक ऑपरेटर सुनिश्चित करेगा, ”डॉ सिंह ने कहा।
इससे पहले कई केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों को नैनो यूरिया और डीएपी का उपयोग करने के लिए आह्वान किया था। यहां तक की प्रधानमंत्री ने स्वयं गुजरात में साबर डेयरी के समारोह सहित कई अवसरों पर इसे किसानों के लिए फायदेमंद बताते हुए नैनो उर्वरकों का उपयोग करने के लिए किसानों को प्रेरित किया।
इफको के एमडी डॉ. यू.एस.अवस्थी का कहना है कि नैनो यूरिया और डीएपी तकनीक से हमारे देश की 1 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी। “हमने किसानों से बेहतर और उत्साहजनक परिणाम देखने के लिए अपनी फसलों पर इफको द्वारा विकसित नैनो उर्वरकों का उपयोग करने का आग्रह किया है। यह अधिक उत्पादकता के साथ पर्यावरण के अनुकूल है, जिससे किसानों की आय दोगुनी होगी”, उन्होंने आगे कहा।