केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय द्वारा संभावित रूप से सहकारी क्षेत्र के साथ समन्वयपूर्वक कार्य किया जाएगा और सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षित श्रमबल की स्थायी, पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह एक व्यापक, समेकित और मानकीकृत संरचना होगा जिससे कि मंत्रालय द्वारा किए गए विभिन्न पहलों का सफल कार्यान्वयन हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने, सहकारी अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने तथा संबद्ध संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से देश में सहकारी आंदोलन को सशक्त करने के लिए सहकारिता मंत्रालय एक राष्ट्र स्तरीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव पर कार्य कर रहा है।
“पेशेवर श्रमबल की आपूर्ति तथा मौजूदा कार्मिकों की क्षमता निर्माण सहकारी क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों में अधिक से अधिक योगदान करने में संभावित रूप से सहायक होगा”, शाह ने कहा।
उन्होंने कहा, “उपर्युक्त उद्देश्य की प्राप्ति के लिए केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय सहकारी समितियों/संघों, सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों, इत्यादि सहित विभिन्न हितधारकों के साथ गहन परामर्श किए गए जिससे कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय की रूपरेखा विकसित की जा सके। यह विश्वविद्यालय अपने प्रचालनात्मक संबंधी व्यय के वहन में आत्म निर्भर बनने का प्रयास करेगा।”