ताजा खबरेंविशेष

एनसीडीसी ने दिये 5,715 करोड़ रुपये; 1.56 करोड़ महिलाओं के जीवन पर डाला असर

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने महिला सहकारी समितियों को 5,714.88 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिससे 1.56 करोड़ से अधिक महिला सदस्यों को लाभ हुआ है।

उन्होंने कहा, सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की नंदिनी सहकार योजना, महिला सहकारी समितियों के परियोजना निर्माण, सहयोग एवं क्षमता विकास के लिए एक वित्तीय सहायता योजना है।

सहकारिता मंत्रालय अपने राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों जैसे राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी), वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वैमनिकॉम), और लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी (लिनॉक) के माध्यम से सहकारी क्षेत्र में महिलाओं के कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है।

उपरोक्त के अलावा, सहकारिता मंत्रालय ने 54 प्रमुख पहलें की हैं जिससे महिलाओं सहित सहकारी क्षेत्र के सभी सदस्यों को लाभ होगा और वे सशक्त होंगे।

वर्ष 2022-23 के दौरान वैमनिकॉम ने 1,056 प्रतिभागियों, विशेष रूप से महिलाओं के लिए 24 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। वर्ष 2023-24 (नवंबर, 2023 तक) के दौरान संस्थान ने 1,010 प्रतिभागियों, विशेष रूप से महिलाओं के लिए 29 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

बहु-राज्य सहकारी सोसाइटी (अधिनियम) 2002 में बहु-राज्य सहकारी समितियों के बोर्ड में महिला निदेशकों की आवश्यकता को अनिवार्य करने के लिए संशोधन किया गया है। इससे देश भर में 1,550 से अधिक बहु-राज्य सहकारी समितियों के बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।

सहकारिता मंत्रलाय द्वारा पैक्स के लिए आदर्श उपविधियां तैयार की गई है एवं देश भर के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाई गई हैं। यह पैक्स के बोर्ड में महिला निदेशकों की आवश्यकता को अनिवार्य करता है। इससे 1 लाख से अधिक पैक्स में महिलाओं का प्रतिनिधित्व और उनकी निर्णय लेने की क्षमता सुनिश्चित होगी।

एनसीसीटी और इसकी प्रशिक्षण इकाइयों ने डेयरी, हथकरघा, सूक्ष्म ऋण, ग्रामीण उद्यमिता, मधुमक्खी पालन, औद्योगिक सहकारी समितियाँ आदि क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें महिला प्रतिभागियों ने भी भाग लिया।

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close