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वर्ष 2022-23 में यूसीबी की स्थिति में और सुधार हुआ, जो मजबूत पूंजी बफर और उच्च लाभप्रदता में परिलक्षित हुआ। हालांकि उनके जीएनपीए अनुपात में निरंतर कमी आई, लेकिन अभी भी यह अधिक है। आरबीआई द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया।
रिपोर्ट के अनुसार, “अनुपालन, जोखिम प्रबंधन और आंतरिक लेखा परीक्षा के तीन स्तंभों के आधार पर अभिशासन की गुणवत्ता को और मजबूत करना प्राथमिक आवश्यकता है। चार स्तरीय विनियामकीय ढांचे की शुरुआत इस दिशा में एक कदम है। शाखाएं खोलने में वित्तीय रूप से मजबूत और अच्छी तरह से प्रबंधित यूसीबी को दी गई छूट संवृद्धि के नए द्वार खोलेगी।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि, एक प्रमुख संगठन के रूप में राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (एनयूसीएफडीसी) की स्थापना से अन्य बातों के साथ-साथ ऋण, पुनर्वित्त सुविधाएं और चलनिधि सहायता प्रदान करने के माध्यम से यूसीबी क्षेत्र को और अधिक सहायता मिलने की आशा है।
31 मार्च 2023 तक, शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) का कुल जमा और अग्रिम 8.63 लाख करोड़ रुपये रहा। जिसमें टियर 3 और टियर 4 श्रेणी में आने वाले अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का जमा और अग्रिम क्रमशः 3.03 लाख करोड़ रुपये और 1.91 लाख करोड़ रुपये रहा।
इसके अलावा, अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों ने वित्त वर्ष 2022-23 में 3,090 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ कमाया। पिछले वित्त वर्ष यानि 2021-22 में यह 2,896 करोड़ रुपये था।
मार्च 2022 के अंत में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की समेकित आस्तियां 21.6 लाख करोड़ रुपये थीं, जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का लगभग 10 प्रतिशत थी। ग्रामीण सहकारी संस्थाओँ में इस क्षेत्र का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा शामिल है।
2022-23 में, अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए अनुपात क्रमशः 8.8 प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत रहा। इससे पहले यानी 2021-22 में यह 10.3 फीसदी (सकल एनपीए) और 2.9 फीसदी (शुद्ध एनपीए) था।
वर्ष 2022-23 के दौरान, सभी यूसीबी के समेकित सीआरएआर में सुधार उच्च लाभ अभिवृद्धि और दीर्घावधिक गौण बॉण्ड के माध्यम से जुटाई गई पूंजी के कारण हुआ।
इसके अलावा, पुनर्मूल्यन आरक्षित निधि, जो पहले टियर 2 पूंजी में थी, को कुछ शर्तों के अधीन मार्च 2023 के अंत से टियर 1 पूंजी के रूप में अनुमति दी गई है। इससे वर्ष के दौरान उनकी टियर 1 पूंजी को सुदृढ़ करने में मदद मिली। जून 2023 के अंत में, यूसीबी ने कम प्रावधान और लाभप्रदता में सुधार के कारण अपने सीआरएआर को और मजबूत किया।
रिपोर्ट में कहा गया है, संचयी रूप से, यूसीबी क्षेत्र में 2004-05 से 150 विलय हुए हैं, जिनमें 2022-23 के 3 शामिल हैं। कुल विलय में महाराष्ट्र और गुजरात का हिस्सा करीब 80 प्रतिशत रहा।
इस अवधि के दौरान लाइसेंस निरस्त करने की संख्या भी अधिक रही है, 2015-16 के बाद से निरस्त करने की कुल संख्या 46 है। अधिकांश विलय और निरस्तीकरण गैर-अनुसूचित श्रेणी में है।
2021-22 और 2022-23 में क्रमशः दस और आठ शहरी सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए।
मार्च 2023 के अंत में, अधिकतर यूसीबी टियर 1 श्रेणी में थे। टियर 4 में आने वाले छह यूसीबी ने इस क्षेत्र की जमाराशि के पांचवें हिस्से से अधिक का योगदान दिया। टियर-1 में 898, टियर-2 में 520, टियर-3 में 78 और टियर-4 में 6 शहरी सहकारी बैंक आते हैं।
आरबीआई ने 2022-23 में 176 सहकारी बैंकों पर 14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि 7 निजी क्षेत्र के बैंकों पर आरबीआई ने 12.2 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका।
रिपोर्ट में बताया गया कि 31 मार्च, 2023 तक 2,026 बैंकों (139 वाणिज्यिक बैंकों और 1,887 सहकारी बैंकों) के जमाकर्ताओं का जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम के तहत बीमा किया गया था।