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केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की पहल का व्यापक अवलोकन

नवगठित केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए अनेक पहल और ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत की है। सहकारिता आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने 54 मुख्य पहल की हैं जिनसे सभी सहकारी समितियों को अपने आर्थिक विकास एवं विस्तार की नई संभावनाएँ मिल रही हैं।

इस वार्षिकी के माध्यम से इन पहलों पर संक्षिप्त में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जो सहकारिता क्षेत्र के हितधारकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति एवं नया राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस

पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों तथा देश भर से लिए गए विशेषज्ञों व हितधारकों सहित 49 सदस्यों को इस समिति में शामिल किया गया है। विशेषज्ञ समिति की अब तक 17 बैठकें हो चुकी हैं, जिनके दौरान हितधारकों से विस्तृत विचार-विमर्श हुए हैं और नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का कार्य शीघ्र ही पूर्ण होने की आशा है।  प्रथम चरण के अंतर्गत पैक्स, डेयरी एवं मात्स्यिकी की लगभग 2.64 लाख समितियों की मैपिंग का कार्य फरवरी, 2023 में पूर्ण किया गया l द्वितीय चरण में राष्ट्रीय सहकारी समितियों व संघों की मैपिंग का कार्य किया गया l अंतिम चरण में अब तक लगभग 7.88 लाख सहकारी समितियों को डेटाबेस में सम्मिलित किया जा चुका है।

सहकारिता क्षेत्र में शिक्षण एवं प्रशिक्षण

सहकारिता मंत्री अमित शाह का विचार है कि प्रशिक्षित श्रमबल से ही सहकारिता क्षेत्र का सुनियोजित विकास और सशक्तिकरण हो सकता है और इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की कल्पना की गयी l सहकारी शिक्षण, प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान एवं विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना भी तैयार की जा रही है। यह विश्वविद्यालय प्रशिक्षित श्रमबल की स्थायी, पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ मौजूदा कार्मिकों की क्षमता निर्माण भी करेगा। यह विश्वविद्यालय सहकारिता के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला विशेषीकृत विश्वविद्यालय होगाl

सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबीका कम्प्यूटरीकरण

दीर्घावधि सहकारी ऋण संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये  सहकारिता मंत्रालय ने 08 अक्टूबर 2023 को  कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी है। इसमें विभिन्न घटक होंगे जैसे कि हार्डवेयर खरीद, व्यापक उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) समाधान, डिजिटलीकरण, प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना, और सॉफ्टवेयर का रखरखाव आदि। इस योजना में आने वाले खर्च का 25 प्रतिशत एआरडीबी द्वारा एवं शेष 75 प्रतिशत केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाएगा l कंप्यूटरीकरण से एआरडीबी को विभिन्न लाभ प्राप्त होंगे, जैसे कार्यकुशलता में वृद्धि, त्वरित ऋण संवितरण, लेनदेन दरों में कमी, पारदर्शिता में वृद्धि और भुगतानों के असंतुलनों में कमी इत्यादि।

सहारा समूह की सहकारी समितियों के निवेशकों को रिफंड

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई l सहकारिता मंत्रालय की याचिका पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 29.03.2023 के आदेश में सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों (सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव लि., सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज़ सोसाइटी लि., हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लि. और स्टार्स मल्टीपर्पज़ कोऑपरेटिव सोसाइटी लि.) के जमाकर्ताओं के वैध बकाया संवितरण हेतु सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपए सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक को अंतरित करने हेतु निर्देश दिए।

एनसीडीसी द्वारा गहरे समुद्री ट्रौलरों के लिये वित्तीय सहायता

एनसीडीसी भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग के 28 अप्रैल 2023 के दिशानिर्देश एवं समन्वय से गहरे समुद्र में ट्रौलर से संबंधित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। एनसीडीसी ने महाराष्ट्र राज्य की मात्स्यिकी सहकारी समितियों के लिए 14 गहरे समुद्र ट्रौलर की खरीद हेतु 20.30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है।

जेम पोर्टल पर सहकारी समितियां बतौर क्रेता‘ के रूप में शामिल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 1 जून, 2022 को कैबिनेट द्वारा सहकारी समितियों को गवर्मेंट ई-मार्केटप्‍लेस (जेम) पर बतौर ‘क्रेता’ पंजीकृत होने का अनुमोदन प्रदान किया है I सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 09 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में जेम पोर्टल पर सहकारी समितियों की ऑनबोर्डिंग का ई-लॉन्च किया। सहकारी समितियां जेम के एकल प्लेटफॉर्म से देश भर में उपलब्ध लगभग 60 लाख प्रामाणिक विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं से खरीद कर सकेंगीI अब तक 559 सहकारी समितियों को जेम पोर्टल पर क्रेता के रूप में ऑनबोर्ड कर लिया गया है l इसके साथ ही सहकारी समितियों को जेम पर विक्रेता के रूप में भी पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है l

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