इफको को पेटेंट अधिनियम, 1970 के प्रावधानों के तहत “नैनो यूरिया उर्वरक और उसकी निर्माण विधि” नामक आविष्कार के लिए 12 जनवरी 2023 से 20 साल की अवधि के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है।
यह खबर इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस.अवस्थी ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री मनसुखभाई मंडाविया समेत अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया।
डॉ.अवस्थी ने लिखा, “फसलों को भरपूर नाइट्रोजन पोषण देकर किसानों को बेहतर लाभ दिलाने वाला यह नवाचारी उत्पाद टिकाऊ खेती की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।इ स बड़ी उपलब्धि के लिए इफको के प्रत्येक सदस्य और टीम को मेरी बधाई।”
देश-भर के सहकारी नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से इफको को इसके लिए बधाई दी। देश के जाने-माने सहकारी नेता और आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे ने सहकारी क्षेत्र और समग्र रूप से भारत के लिए इसके महत्व पर जोर देते हुए इस उपलब्धि की सराहना की।
नैनो यूरिया बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ उत्पादन भी बढ़ाता है और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में भी कमी लाकर उद्योग को फायदा पहुंचाता है।
नैनो यूरिया का प्रयोग जल, वायु और मृदा प्रदूषण को कम करता है जिससे भूमिगत जल और मिट्टी की गुणवत्ता पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। फलतः जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक असर डालता है, जाहिर सी बात है कि ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण कमी लाता है जिससे पृथ्वी और वातावरण का सतत पोषणीय विकास होता है।
जानकारों का कहना है कि इफको नैनो यूरिया (तरल) को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी और अनुकूल पाया है।