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भारतीय रिज़र्व बैंक ने पिछले सप्ताह तीन सहकारी बैंकों पर जारी दिशा-निर्देश को तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है। इनमें पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी बैंक, एचसीबीएल सहकारी बैंक और शिम्शा सहकारा बैंक शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नाशिक, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत 18 नवंबर 2018 को दिशा-निदेश जारी किया था। आरबीआई इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में उक्त निदेश की परिचालन अवधि को 17 फरवरी 2024 से आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है।
तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा उक्त निदेश को 17 फरवरी 2024 को कारोबार की समाप्ति से 17 मई 2024 को कारोबार की समाप्ति तक अगले तीन महीने की अवधि के लिए बढ़ाता है, जो कि समीक्षाधीन होगा। संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगे।
इसी तरह, आरबीआई ने एचसीबीएल सहकारी बैंक पर जारी निदेश को 24 मई 2024 तक तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है, जो कि समीक्षाधीन होगा।
संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत् रहेंगी। उपरोक्त वैधता अवधि बढ़ाए जाने को सूचित करने वाले दिनांक 14 फरवरी 2024 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में सदस्यों और जनता के अवलोकनार्थ लगाई गई है, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों को जारी करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।