केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रीअर्जुन मुंडा ने झारखंड के पश्चिमी सिंघभूम जिले के चाईबासा में तीन दिवसीय डेयरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन किया।
अपने संबोधन में अर्जुन मुंडा ने कहा कि कोल्हान की धरती पर यह आयोजन यहाँ पर कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आज देश आगे बढ़ रहा है लेकिन हमारा क्षेत्र काफी पिछड़ा है। लेकिन, अब हम इस क्षेत्र में कृषि कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल हरियाणा के द्वारा झारखंड में इस तरह का पहला आयोजन कोल्हान की धरती पर किया जा रहा है। इस दौरान संस्थान की ओर से जानकारी मिली कि यहां दूध के उत्पादन को हम बढ़ा सकते हैं और मैं कोशिश करूंगा कि इसका एक सेंटर इस क्षेत्र में जरूर खुले जिससे लोगों को दूध उत्पादन में मदद मिले।
मुंडा ने कहा कि मैं उन किसानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जो देश की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान देते हैं। उन्होंने कृषक समुदाय से सरकार द्वारा शुरू की गई कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे पीएम फसल बीमा और पीएम किसान समृद्धि का लाभ उठाने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने लगाए गए स्टालों का दौरा किया और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों जैसे फसल छिड़काव और फसल निगरानी के लिए कृषि ड्रोन की शुरूआत, के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है।
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. धीर सिंह ने बताया कि यह मेला ‘अमृत काल’ उत्सव के हिस्से के रूप में प्रधान मंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुरूप 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए पशुधन उत्पादन प्रबंधन एवं डेरी प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवोन्मेषी कृषि प्रौद्योगिकी विस्तार द्वारा नये आयाम स्थापित करेगा।
पश्चिमी सिंहभूम जिले की सांसद श्रीमती गीता कोड़ा, कृषि वैज्ञानिक, एफपीओ और किसान भी उद्घाटन समारोह के दौरान उपस्थित थे।
आईसीएआर-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल, हरियाणा मार्च 9-11, 2024 तक इस डेरी मेले एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। जनजातीय क्षेत्र में पशुधन एवं कृषि के चहुमुखी विकास हेतु इस मेले का आयोजन किया जा रहा है।