इफको के निदेशक मंडल के चुनाव के लिए अंतिम सूची जारी कर दी गई है। बोर्ड की 21 सीटों में से 14 निदेशक निर्विरोध चुनाव जीत गये हैं बाकि सात सीटों के लिए 20 उम्मीदवार मैदान में हैं।
उर्वरक सहकारी संस्था-इफको के निवर्तमान अध्यक्ष दिलीप संघानी, उपाध्यक्ष बलवीर सिंह, जे गणेशन, मारा गंगा रेड्डी, पी पी नागी रेड्डी, राजेंद्र कुमार, सुधांश पंत, आलोक सिंह, बाल्मीकि त्रिपाठी, जगदीप सिंह नकई, उमेश त्रिपाठी, प्रह्लाद सिंह, प्रेम चंद मुंशी और विवेक कोल्हे निदेशक के रूप में निर्विरोध चुने गये हैं।
इस चुनाव में गुजरात, कर्नाटक, महिला सीट, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ और ओडिशा-पश्चिम बंगाल निर्वाचन क्षेत्र में कांटे की टक्कर देखी जा रही है।
गुजरात से गुजकोमसोल के उपाध्यक्ष बिपिन पटेल और इफको के निवर्तमान निदेशक जयेशभाई रदादिया मैदान में हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र काफी हाई प्रोफाइल है क्योंकि यह दोनों भाजपा के कट्टर समर्थक हैं और भाजपा की गुजरात इकाई ने पटेल के नाम पर मुहर लगाई है। प्राप्त सूचना के अनुसार इस संदर्भ में बीजेपी ने पटेल को समर्थन देने के लिए जिला प्रमुखों को एक व्हिप भी जारी किया है।
गुजरात से 182 मतदाता हैं। हालांकि गुजरात के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयेश रदादिया की भी पार्टी में काफी अच्छी पकड़ है लेकिन अभी यह कहना मुश्किल होगा की मतदाताओं का झुकाव किस ओर होगा। गुजरात सीट से एक अन्य उम्मीदवार पंकज कुमार भी चुनावी मैदान में है लेकिन जानकारों का मानना है कि कुमार को 15 से ज्यादा वोट नहीं मिलेंगे।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस नेता गोविंद सिंह के बेटे अमित प्रताप सिंह दोबारा निदेशक का चुनाव लड़ रहे हैं। हालाँकि, इस बार उनके लिए चुनाव जीतना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है और बीजेपी ने ग्वालियर (ग्रामीण) जिला भाजपा अध्यक्ष कौशल शर्मा को समर्थन देने के लिए व्हिप जारी किया है।
इस सीट से सवाई सिंह सिसौदिया के पोते ऋषिराज सिसौदिया भी चुनावी दंगल में हैं, लेकिन इनकी उम्मीदवारी पर कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। सिसौदिया के विरोधियों का दावा है कि उन्होंने इफको चुनाव के मद्देनजर कुछ दिन पहले भाजपा ज्वाइन की थी लेकिन भाजपा पहले ही कौशल शर्मा के पक्ष में जनादेश दे चुकी है।
राजस्थान निर्वाचन क्षेत्र से कृपा राम चौधरी, मदन गोपाल, ओम प्रकाश मेहता और रामनिवास गढ़वाल चुनाव लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्य लड़ाई कृपा राम चौधरी और मदन गोपाल के बीच होगी।
इस बार, निवर्तमान निदेशक सिमाचल पाढ़ी का चुनाव जीतना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि लंबे समय से इफको के आरजीबी सदस्य रहे शांतिमोय डे, पाढ़ी को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
कर्नाटक से पूर्व विधायक के श्रीनिवास गौड़ा और भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार अन्नासाहेब जोले मैदान में हैं। इस सीट को हॉट सीट कहा जा सकता है क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है और केंद्र में बीजेपी की सरकार है, ऐसे में देखना होगा कि गौड़ा अपनी सीट को बचाने में सफल होते हैं या नहीं।
इफको के बोर्ड में महिलाओं के लिए आरक्षित सीट के लिए निवर्तमान निदेशक साधना जाधव, उस्मानाबाद से वर्षा कस्तूरकर और राजेंद्र खर्रा की पत्नी सरोज खर्रा चुनाव लड़ रही है। महिला सीट के लिए 50 मतदाता हैं, जिनमें सबसे अधिक वोट महाराष्ट्र से है। यहां करीब 21 वोट हैं, और बाकी वोट राजस्थान, हरियाणा और उत्तर पूर्वी राज्यों से हैं।
केरल-तमिलनाडु निर्वाचन क्षेत्र से तीन उम्मीदवार केपी बेबी, एस शक्तिवेल और सुमेश ए चुनावी दौड़ में हैं।
इफको के निदेशक मंडल का चुनाव 9 मई, 2024 को होगा, उसी दिन वोटों की गिनती और परिणामों घोषित किये जाएंगे। बोर्ड सदस्यों के चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद पदाधिकारियों का चुनाव भी 9 मई 2024 को होगा।