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अनाज भंडारण: भूटानी ने की समन्वय समिति बैठक की अध्यक्षता

विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर की समन्वय समिति (एनएलसीसी) ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित सहकारिता मंत्रालय में अपनी पहली बैठक की।

सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कृषि एवं किसान कल्याण सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव,  एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) और अन्य हितधारकों के साथ पहली बैठक की।

समिति ने 11 राज्यों में अपने पायलट प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की, जिसे पिछले साल शुरू किया गया था। इस योजना में भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं, जैसे कि कृषि अवसंरचना कोष, कृषि विपणन अवसंरचना योजना, कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन  प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना आदि के माध्यम से पैक्स स्तर पर विभिन्न कृषि अवसंरचनाओं के निर्माण की योजना है, जिसमें गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयां, उचित मूल्य की दुकानें आदि शामिल हैं।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. भूटानी ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसमें देश भर में इस योजना को लागू करने के लिए  स्थानीय स्तरों पर गोदामों का निर्माण किया जाएगा।

पायलट परियोजना को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा नाबार्ड, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), नाबार्ड परामर्श सेवाएं (नेबकॉन्स) के सहयोग से संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के समन्वय में लागू किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों, एनसीसीएफ, राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) आदि के सहयोग से 500 अतिरिक्त पैक्स में पायलट परियोजना का विस्तार किया जा रहा है।

राज्यों/संघ शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघों, जैसे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड ने परियोजना के तहत भंडारण क्षमता और अन्य कृषि अवसंरचना के निर्माण के लिए अतिरिक्त पैक्स की पहचान की है।

समिति के सदस्यों ने इस बात पर भी चर्चा की कि योजना को राष्ट्रव्यापी स्तर पर कैसे आगे बढ़ाया जाए, जिसमें विभिन्न हितधारकों के साथ गोदामों को जोड़ने के संभावित विकल्प भी शामिल हैं।

 

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