सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक ने अपने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए वित्त वर्ष 2023-24 में 82,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हासिल किया और 503 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
हालांकि उक्त वित्त वर्ष में बैंक ने 628 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है लेकिन बैंक ने 125 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फ्लोटिंग प्रावधान किया है ताकि भविष्य में होने वाली संभावित परिस्थितियों के समय बैंक को मजबूत किया जा सके।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए, सारस्वत बैंक के अध्यक्ष गौतम ठाकुर ने कहा, “हमारे बोर्ड ने भविष्य की सभी परिस्थितियों का सामना करने के लिए फ्लोटिंग प्रावधान करने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 में भी बैंक का नेट एनपीए ‘शून्य’ रहा। बैंकिंग क्षेत्र के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है, लगभग सभी बैंकों ने अपनी बैलेंस शीट में उछाल दर्ज किया है।”
बैंक का कुल कारोबार 2023-24 वित्त वर्ष में 75,559 करोड़ रुपये (2022-23) से बढ़कर 82,025 करोड़ रुपये हो गया। बैंक का जमा आधार 44,502 करोड़ रुपये से बढ़कर 49,457 करोड़ रुपये हो गया और अग्रिम राशि 31,057 करोड़ रुपये से बढ़कर 32,568 रुपये हो गई।
31 मार्च 2024 तक बैंक का सकल एनपीए 2.88 प्रतिशत रहा। बैंक का सीआरएआर 17.28 प्रतिशत रहा।
1918 में स्थापित सारस्वत सहकारी बैंक भारत का सबसे बड़ा शहरी सहकारी बैंक है। बैंक विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और अपने शेयधारकों को हर साल लाभांश देने का सफल ट्रैक रिकॉर्ड बनाए हुए है।
बैंक की छह राज्यों- महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में 302 शाखाएं और 341 से अधिक एटीएम का नेटवर्क है।
पाठकों को याद होगा कि सारस्वत सहकारी बैंक ने राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (यूसीबी के लिए अमब्रेला संगठन) में भारत के शहरी सहकारी बैंकों में सबसे अधिक पूंजी का योगदान दिया है।