भारतीय रिजर्व बैंक ने नंदनी सहकारी बैंक लिमिटेड, गुजरात अंबुजा को-ऑपरेटिव बैंक, रामनगरम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और कांचीपुरम केंद्रीय सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया।
आरबीआई ने नंदनी सहकारी बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘स्वर्ण ऋण – एकबारगी चुकौती – यूसीबी’ और ‘अग्रिमों का प्रबंधन – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए 2.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
गुजरात अंबुजा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक – स्पष्टीकरण’ के साथ पठित ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने रामनगरम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’ संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपलान के लिए 75,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
इसी तरह, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कांचीपुरम सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कांचीपुरम, तमिलनाडु (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी ‘धोखाधड़ी – वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश’ संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए 50,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।