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सहकारी बैंकिंग शासन में बीओडी की भूमिका अहम: आरबीआई गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पश्चिमी क्षेत्र में चुनिंदा बड़े शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के बोर्ड के निदेशकों का सम्मेलन आयोजित किया।

गवर्नर, रिज़र्व बैंक ने ‘यूसीबी में अभिशासन – धारणीय संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना’ विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया। श्री स्वामीनाथन जे., उप गवर्नर के साथ-साथ रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण, विनियमन और प्रवर्तन विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यपालक निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सम्मेलन में भाग लिया।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने मुख्य भाषण में मजबूत अभिशासन के महत्व और इसे सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड के निदेशकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने अभिशासन को बनाए रखने में आश्वासन कार्यों (अर्थात अनुपालन, जोखिम प्रबंधन और आंतरिक लेखा परीक्षा) के महत्व पर भी जोर दिया।

उन्होंने यूसीबी के बोर्डों से उचित ऋण हामीदारी मानकों को सुनिश्चित करने, अनर्जक आस्तियों की वसूली की समीक्षा और अनुवर्ती कार्रवाई करने के साथ-साथ चलनिधि जोखिम के विवेकपूर्ण प्रबंधन करने का आग्रह किया। दास ने क्षमता संवर्धन के पहलुओं पर, विशेषतया आईटी और साइबर सुरक्षा के संबंध में भी बात की।

आरबीआई के उप गवर्नर स्वामीनाथन ने अपने विशेष संबोधन में बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को अंतिम छोर तक संबद्धता प्रदान करने में यूसीबी की महत्वपूर्ण भूमिका और परिणामस्वरूप समग्र प्रणालीगत स्थिरता को बनाए रखने के लिए उनकी वित्तीय और परिचालनगत आघात-सहनीयता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने यूसीबी से हाल ही में स्थापित छत्र संगठन का पूरा समर्थन करने और उसका लाभ उठाने का अनुरोध किया।

सम्मेलन में आईटी और साइबर सुरक्षा, अभिशासन और आश्वासन कार्यों के साथ-साथ पर्यवेक्षी और विनियामक अपेक्षाओं पर सत्र शामिल थे। रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशकों के साथ सहभागियों की निर्बंध वार्तालाप के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इससे पहले अगस्त 2023, जनवरी 2024 और अप्रैल 2024 में क्रमशः मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ में यूसीबी के निदेशकों के साथ इसी तरह के सम्मेलन आयोजित किए थे।

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