पंजाब की भगवंत मान सरकार ने सहकारी समितियों के पंजीकरण शुल्क को 20 लाख रुपये से घटाकर 10 हजार रुपये किया है और इसमें सहकार भारती की पंजाब इकाई ने महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई है।
दरअसल, पंजाब सरकार ने कुछ दिन पहले सहकारी समितियों के लिए पंजीकरण शुल्क 20 लाख रुपये किया था, जिसको लेकर सहकार भारती ने सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर संबंधित अधिकारी को इस संदर्भ में पत्र लिखा था।
पाठकों को याद होगा कि रजिस्ट्रेशन फीस में वृद्धि को लेकर सहकार भारती ने पंजाब में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक जागरूकता अभियान चलाया था और सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी।
इस बीच, सहकार भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन प्रमुख शंकर तिवारी ने रजिस्ट्रेशन शुल्क में कटौती करने के लिए पंजाब सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
तिवारी ने कहा, जिस वक्त जनवरी 2024 को वि. के. सिंह जी ने पंजाब सहकारिता विभाग के विशेष मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था हमें आशा की किरण दिखाई देने लगी थी। उन्होंने हमारी चिंताओं को ध्यान से सुना और रजिस्ट्रेशन फीस में कटौती करने में अहम भूमिका निभाई।
शंकर दत्त ने बताया 25 सितंबर 2023 से पहले पंजाब में सहकारी संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ती थी लेकिन पिछले साल सितंबर में यह कानून लागू किया गया जिसे सहकारी क्षेत्र को बहुत नुकसान हुआ।
उन्होंने मांग की, जब दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सहकारी संस्था के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई फीस नहीं है, तो पंजाब में 10 हजार रुपये की फीस को भी खत्म क्यों नहीं किया जाना चाहिए। सहकारिता हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर हैं।
दत्त ने कहा कि देश का विकास केवल और केवल सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से हो सकता है।