नैनो उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए नैनो उर्वरक उपयोग संवर्धन महाअभियान की शुरुआत 1 जुलाई 2024 को इफको द्वारा की गई है।
इसके अंतर्गत इफको द्वारा 200 मॉडल नैनो ग्राम समूह (क्लस्टर) चयनित किए गए हैं। इसके माध्यम से 800 गाँवों के किसानों को इफको द्वारा नैनो यूरिया प्लस, नैनो
इसके साथ ही इफको द्वारा ड्रोन उद्यमी को 100 रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा जिससे किसानों को कम दरों पर छिड़काव की सुविधा प्राप्त हो सके। इन मॉडल नैनो गाँवों में जो फसल होगी उसकी गुणवत्ता एवं उत्पादन की वृद्धि का आंकलन कर किसानों को अवगत कराया जाएगा।
नैनो उर्वरकों का खेती में प्रयोग बढ़ाने के लिए माननीय प्रधान मंत्री जी ने भी 100 दिवसीय कार्य योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत 413 जिलों में नैनो डीएपी (तरल) के 1270 प्रदर्शन एवं 100 जिलो में नैनो यूरिया प्लस
इफको द्वारा नैनो उर्वरकों को सहकारी समिति एवं अन्य बिक्री केंद्र तक उपलब्ध कराया जाएगा। नैनोउर्वरकों के लाभ के बारे में किसानों को बताया जाएगा। नैनो उर्वरकों के छिड़काव हेतु इफको द्वारा 2500 कृषि ड्रोन किसानों के लिए उपलब्ध कराये जा रहे हैं जिसके लिए 300 ‘नमो ड्रोन दीदी’ तथा ड्रोन उद्यमी तैयार किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य प्रकार के स्प्रेयर भी उपलब्ध कराये गये हैं जिनके माध्यम से किसान आसानी से अपने खेतों में नैनो उर्वरकों का छिड़काव कर सकेंगे। 245 लाख एकड़ क्षेत्र पर ड्रोन द्वारा स्प्रे करने के लिए 15 संस्थाओं से अनुबंध किया गया है जो किसानों के खेतों में छिड़काव करेंगे। प्रत्येक स्प्रे पर 100 रुपए प्रति एकड़ का इंसेंटिव भी प्रदान किया जाएगा।
अगस्त 2021 से 26 जून 2024 तक इफको द्वारा उत्पादित कुल 7.55 करोड़ नैनो यूरिया एवं 0.69 करोड़ नैनो डीएपी की बोतलों का उपयोग किसानों द्वारा किया जा चुका है। किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने हेतु इफको द्वारा वर्ष 2024-25 में 4 करोड़ नैनो यूरिया प्लस एवं 2 करोड़ नैनोडीएपी बोतलों के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी क्रम में अप्रैल 2024 से इफको द्वारा किसानों को अधिक सांद्रता वाला नैनो यूरिया
इस महाअभियान के अंतर्गत इफको द्वारा देश के समस्त जिलों में प्रचार-प्रसार, क्षेत्र-परीक्षण
इस महाअभियान के अंतर्गत नैनो उर्वरकों की 6 करोड़ बोतलें उपलब्ध कराने की योजना बनाई गयी है जिसका वितरण इफको की 36000 सदस्य सहकारी समितियों एवं अन्य सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि नैनो उर्वरकों की उपलब्धता प्रत्येक प्रधान मंत्री किसान समृद्धि केंद्रों पर हो सके। इफको द्वारा इंडियन पोटाश लिमिटेड, फर्टिलाइजर्स एंड केमि
अगस्त 2021 में इफको ने नैनो तकनीक आधारित विश्व के पहले स्वदेशी नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन कर पूरे विश्व को पारंपरिक यूरिया का एक बेहतरीन विकल्प दिया है। मार्च 2023 में इफको द्वारा डीएपी उर्वरक के प्रयोग को कम करने के लिए नैनो डीएपी (तरल) को भी किसानों को उपलब्ध कराया है।
विश्व भर में पर्यावरण असंतुलन की बढ़ती गंभीर समस्या को देखते हुए नैनो उर्वरकों द्वारा खेती में पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी लाने की आवश्यकता है। इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण सुरक्षा के साथ ‘आत्मनिर्भर कृषि’ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को साकार करते हुए आर्थिक एवं वैश्विक स्तर पर भी देश को मज़बूत बनाया जा सकता है।
कीटों और बीमारियों का अधिक प्रकोप होना, फसल गिरना और फसल द्वारा प्रतिकूलता सहन न कर पाने में कहीं न कहीं पारंपरिक यूरिया की भूमिका है। नैनो उर्वरकों के कई लाभ हैं जिसमें मृदास्वास्थ्य में सुधार, जल एवं वायु प्रदूषण में कमी, फसल उत्पादन एवं गुणवत्ता में वृद्धि, पारंपरिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी, कीटों एवं रोगों के प्रकोप में कमी; परिवहन एवं भंडारण में आसानी तथा पर्यावरण अनुकूलता आदि प्रमुख हैं।