प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसायटी की देखरेख में बन रहे ‘कर्थुम्बी छातों’ का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘मन की बात’ में आज मैं आपको एक खास तरह के छातों के बारे में बताना चाहता हूँ। ये छाते तैयार होते हैं हमारे केरला में। वैसे तो केरला की संस्कृति में छातों का विशेष महत्व है। छाते, वहाँ कई परंपराओं और विधि-विधान का अहम हिस्सा होते हैं। लेकिन मैं जिस छाते की बात कर रहा हूँ, वो हैं ‘कार्थुम्बी छाते’ और इन्हें तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में।”
“ये रंग-बिरंगे छाते बहुत शानदार होते हैं। और खासियत ये इन छातों को केरला की हमारी आदिवासी बहनें तैयार करती हैं। आज देशभर में इन छातों की मांग बढ़ रही हैं। इनकी ऑनलाइन बिक्री भी हो रही है। इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है। इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारीशक्ति के पास है”, उन्होंने कहा।
मोदी ने आगे कहा, महिलाओं के नेतृत्व में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने एंटरप्रेन्योरशिपकी अद्भुत मिसाल पेश की है। इस सोसायटी ने एक बैंबू-हैंडीक्राफ्ट यूनिट की भी स्थापना की है। अब ये लोग एक रिटेल आउटलेट और एक पारंपरिक केफे खोलने की तैयारी में भी हैं।
इनका मकसद सिर्फ अपने छाते और अन्य उत्पाद बेचना ही नहीं, बल्कि ये अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति से भी दुनिया को परिचित करा रहे हैं। आज कार्थुम्बी छाते केरला के एक छोटे से गाँव से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों तक का सफर पूरा कर रहे हैं। लोकल के लिए वोकल होने का इससे बेहतरीन उदाहरण और क्या होगा?, उन्होंने कहा।