भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को तीन सहकारी बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया।
गुजरात के मेहसाणा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों और उनके रिश्तेदारों तथा उन फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम, ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा’, ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड’ और ‘ट्रस्टों और संस्थानों को दान जहां निदेशक, उनके रिश्तेदार पदाधिकारी हैं या रुचि रखते हैं’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 5,93,30,000 रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
इसके अलावा, आरबीआई ने पुसाद अर्बन कोऑपरेटिव बैंक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, छतरपुर पर जुर्माना लगाया।
पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुसद, महाराष्ट्र (बैंक) पर ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ)’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन के लिए 2.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
आरबीआई ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, छत्तरपुर, मध्य प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 2.50 लाख रूपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
चालू वित्त वर्ष में आरबीआई ने अब तक करीब 65 सहकारी बैंकों पर कई करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।