नाबार्ड ने अपना 43वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर नाबार्ड ने अपने मुंबई कार्यालय में “जलवायु जोखिम प्रबंधन और बैंकिंग” विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी के.वी. ने ग्रामीण विकास, वित्तीय समावेशन और डिजिटल परिवर्तन में नाबार्ड की चार दशक की यात्रा पर प्रकाश डाला।
उत्तर प्रदेश में नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने “सहकारिता से सशक्तिकरण” विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें राज्य के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर अनिल कुमार, आईएएस, आरसीएस सहकारिता विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, जितेंद्र बहादुर सिंह, अध्यक्ष यूपीसीबी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
स्वागत भाषण देते हुए नाबार्ड उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक एस. के. दोरा ने बताया पिछले 10 वर्षों में, नाबार्ड ने उत्तर प्रदेश में 62000 करोड़ रुपये से अधिक अल्पकालिक पुनर्वित्त, 22000 करोड़ रुपये दीर्घकालिक पुनर्वित्त और 18000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष पुनर्वित्त उपलब्ध कराया है।
इन सभी उपलब्धियों को बताते हुए उन्होंने कमजोर सहकारी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला, जैसे उच्च एनपीए, उच्च असंतुलन, कम नेटवर्थ और कम लाभप्रदता तथा परिसंपत्तियों पर कम रिटर्न, जिसके लिए इन सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए केंद्रित कार्रवाई की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर ने उत्तर प्रदेश में कृषि और सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने में नाबार्ड के योगदान की सराहना की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नाबार्ड ने अपने मेंडेट को पूरा करने के लिए प्रगति की है और वर्तमान में यह भारत की ग्रामीण विकास यात्रा का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
उन्होंने नाबार्ड की कार्य संस्कृति और उसके अधिकारियों की प्रशंसा की, और सहकारी समितियों के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुनने और उनके समाधान प्रदान करने पर जोर दिया। इसके अलावा, मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाए। उन्होंने 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य में सहकारी समितियों और पैक्स को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की हालिया पहलों के कारण यूरिया की कालाबाजारी पर लगाम लगी है इस वर्ष जून 2024 तक सहकारी क्षेत्र ने राज्य के किसानों को फसल ऋण के रूप में 8000 करोड़ रुपये का वितरण पहले ही कर लिया है।
इस अवसर पर नाबार्ड ने ग्रामीण विकास में विभिन्न हितधारकों के उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित किया। यूपीएससीबी और 10 डीसीसीबी तथा 03 पैक्स को व्यवसाय विस्तार, वित्तीय समावेशन और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने आदि में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।