सहकारिता राज्य मंत्री गोतम कुमार ने राज्य विधानसभा में कहा कि दी जोधपुर सेन्ट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक द्वारा यदि सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना में कोई अनियमितता की गई है तो उसकी कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी तथा दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सहकारिता राज्य मंत्री फलौदी विधायक पब्बाराम विश्नोई द्वारा इस सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत यदि कोई कृषक 75 हजार रुपये से अधिक राशि का ऋण लेता है तो उसे बीमा कम्पनी को अच्छे स्वास्थ्य का स्वघोषणा पत्र देना होता है।
बैंक द्वारा लगभग 1.19 लाख किसानों को ऋण दिया गया था, जिसमें से 2705 कृषकों द्वारा अच्छे स्वास्थ्य का प्रमाण पत्र न प्रस्तुत करने के कारण बीमा कम्पनी द्वारा प्रीमियम लौटाई गई थी। बैंक द्वारा अपने पास कोई प्रीमियम नहीं रखा गया है।
गोतम कुमार ने बताया कि सहकारी समितियों से अल्पकालीन फसली ऋण प्राप्त करने वाले 18 से 79 वर्ग की आयु वर्ग के किसानों के लिए सहकार जीवन सुरक्षा बीमा अनिवार्य है।
इस बीमा के लिए ऋण लेने वाले किसानों के प्रीमियम की कटौती सीबीएस पोर्टल द्वारा शीर्ष बैंक से निर्धारित दर पर स्वचालित रूप से की जाती है तथा नियमानुसार वांछित दस्तावेज प्रस्तुत करने एवं पात्र होने पर ही बीमा कंपनी द्वारा बीमित किया जाता है।
दस्तावेजों का अभाव होने पर बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम लौटा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में इसी प्रक्रिया अनुसार कृषकों का ऋण वितरण के समय प्रीमियम ऋण खाते से स्वतः डेबिट हुआ है, जिसे बैंक द्वारा नियमानुसार बीमा कंपनी को भिजवा दिया गया था।
सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि बैंक द्वारा किये गये निवेशों के संबंध में रिकॉर्ड नियन्त्रक संस्थानों क्रमश: भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड व दी राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक को नियमित रूप से प्रस्तुत किया जाता है एवं नियंत्रक संस्थाओं के निरीक्षणों में कोई आक्षेप नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि बैंक के प्रधान कार्यालय एवं शाखाओं के बीच ब्रांच मिलान आज तक पूर्ण है। बैंक में नियमित रूप से रिकन्सीलेशन प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।