केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में अन्न भंडारण की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने दिनांक 31.05.2023 को “सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना” को अनुमोदन प्रदान किया, जिसे एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया है।
इस योजना में भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं, जैसे कृषि अवसंरचना कोष, कृषि विपणन अवसंरचना योजना, कृषि यांत्रिकीकरण पर उपमिशन, समेकित बागवानी विकास मिशन, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना, आदि के अभिसरण द्वारा पैक्स स्तर पर गोदाम, कस्टम हाइरिंग केंद्र, प्रसंस्करण इकाइयों, उचित मूल्य की दुकानों, आदि जैसी विभिन्न कृषि अवसंरचनाओं का निर्माण करना शामिल है।
पायलट परियोजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा नाबार्ड, नाबार्ड कंसल्टेंसी सेवाएं, भारतीय खाद्य निगम, नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन, आदि की सहायता से विभिन्न राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों में किया जा रहा है।
कृषि अवसंरचना के निर्माण की अनुमानित लागत क्षेत्र की स्थलाकृति, श्रम की लागत, पैक्स द्वारा चयनित परियोजना घटकों, गोदामों की क्षमता, इत्यादि के आधार पर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है।
उन्होंने आगे कहा, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की पहल पर केंद्रीय क्षेत्रक योजना- 10,000 किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना और संवर्धन के अंतर्गत पैक्स के सशक्तिकरण के माध्यम से सहकारी क्षेत्र में किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना और संवर्धन के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को 1100 अतिरिक्त किसान उत्पादक संगठन का लक्ष्य आवंटित किया गया है।
एफपीओ योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान उत्पादक संगठन को 33 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, किसान उत्पादक संगठनों के संवर्धन और हैंडहोल्डिंग के लिए क्लस्टर आधारित व्यवसाय संगठन को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपए की सीमा तक की वित्तीय सहायता प्रदान किया जा रहा है।
किसान उत्पादक संगठनों और पैक्स के बीच उनके उपज उत्पादों के बैकवर्ड के साथ-साथ फॉरवर्ड एकीकरण के लिए बाजार लिंकेज का भी विकास किया जा रहा है।
यह पहल किसानों को आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान करके उन्हें अपनी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा।
मौजूदा पैक्स के सदस्यों के साथ एफपीओ का गठन किया जाना है जिससे एफपीओ और पैक्स के बीच बाज़ार लिंकेज़ विकसित हो सकेगा। इससे पैक्स के साथ-साथ उसके सदस्यों को भी अपने उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे पैक्स को अपने व्यापार का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी।
मूल्य संवर्धन/प्रसंस्करण कार्यों में एफपीओ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और पैक्स, एफपीओ के इस व्यवसाय के लिए कच्चे माल का प्रमुख स्रोत होंगे। इससे पैक्स, आय के नए और स्थायी स्रोत उत्पन्न कर सकेंगे।