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शाह ने संसद में कोऑप्स को दी गई आईटी राहत का किया उल्लेख

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि, “सहकार से समृद्धि” के विजन को साकार करने के लिए, सरकार ने सहकारी समितियों को राहत प्रदान करने के लिए कई कदम उठाये हैं जिनमें विभिन्न कार्यकलापों पर कर में कमी तथा उनके द्वारा नकदी की निकासी पर टीडीएस की सीमा को बढ़ाना शामिल है।

सहकारी समितियों पर सरचार्ज को 1 करोड़ रुपये से अधिक तथा 10 करोड़ रुपये तक की आयकर पर सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे सहकारी समितियों और उनके सदस्यों, जो अधिकतर ग्रामीण तथा कृषक समुदायों से हैं, की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

सहकारी समितियों के लिए 18.5 प्रतिशत की दर से वैकल्पिक न्यूनतम कर का भुगतान करने की आवश्यकता होती थी। हालांकि, कंपनिया 15 प्रतिशत की दर से इसका भुगतान करती थी। सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच समान अवसर मुहैया कराने के लिए सहकारी समितियों के लिए इस दर को घटा कर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

धारा 269 एसटी एक दिन में  (ए) किसी व्यक्ति द्वारा या (बी)  किसी लेनदेन से या (सी) एक कार्यक्रम या अवसर के संबंध में विविध लेनदेनों से 2 लाख रुपये से अधिक की नकदी की प्राप्ति को प्रतिबंधित करती है। इस प्रावधान के उल्लंघन के मामले में, आयकर अधिनियम 1961 के तहत धारा 269 एसटी के उल्लंघन के आरोप में इस राशि पर जुर्माना लगाया जाता है।

31.03.2024 तक विनिर्माण गतिविधियां शुरू करने वाली नई सहकारी समितियों को 15 प्रतिशत की कम कर दर का लाभ मिलेगा, जैसा कि नई विनिर्माण कंपनियों के लिए उपलब्ध है।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269एसएस के अनुसार, नकद में 20,000 रुपये से अधिक की किसी भी जमा या ऋण की अनुमति नहीं है। उल्लंघन पर ऋण या जमा राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है।

आयकर अधिनियम की धारा 269एसएस में यह प्रावधान करने के लिए संशोधन किया गया है कि जहां प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी ( पीएसीएस ) या प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ( पीसीएआरडीबी ) द्वारा अपने सदस्य से जमा स्वीकार किया जाता है या ऋण लिया जाता है किसी पीएसीएस या पीसीएआरडीबी के सदस्य द्वारा नकद में भुगतान करने पर कोई दंडात्मक परिणाम उत्पन्न नहीं होगा, यदि ऐसे ऋण या जमा की राशि, जिसमें उनकी बकाया राशि भी शामिल है, 2 लाख रुपये से कम है। पहले यह सीमा 20,000 रुपये प्रति सदस्य थी।

सरकार ने स्रोत पर कर कटौती के बिना सहकारी समितियों से नकद निकासी की सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दी है। इस प्रावधान से सहकारी समितियों को स्रोत पर कर कटौती ( टीडीएस ) की बचत होगी, जिससे उनकी तरलता बढ़ेगी।

चीनी सहकारी समितियों को मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पहले की अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान को व्यय के रूप में दावा करने का अवसर प्रदान किया गया है। तदनुसार, आईटी अधिनियम की धारा 155 में भी वित्त अधिनियम, 2023 के माध्यम से 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी एक नई उपधारा (19) सम्मिलित करने के लिए संशोधन किया गया है।

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