भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को चार सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इन बैंकों में समर्थ सहकारी बैंक, रायपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, नागरिक सहकारी बैंक, और विदिशा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, नेशनल मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक और सीकर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के लिए जारी दिशा-निर्देश की अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि “भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता अवधि बढ़ाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।”
भारतीय रिज़र्व बैंक ने समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 12(2) के प्रावधानों के उल्लंघन, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’ संबंधी निदेशों और ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी परिचालनगत अनुदेशों के अननुपालन के लिए 4.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
आरबीआई ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायपुर, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 1.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ तथा ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.50 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, विदिशा, मध्य प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 1.00 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।