इफको ने 25 से 30 नवंबर के बीच दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में वैश्विक सहकारिता सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय किया है।
इसमें दुनिया के 100 से अधिक देश हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में कुल सौ देशों के सहकारी क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ ही कई देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होंगे।
इसमें फिजी के प्रधानमंत्री के अलावा भूटान के प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। देश में आयोजित जी—20 में दुनिया के 20 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें देश के 50 शहरों में 200 से अधिक संगोष्ठी—कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। जबकि इस कार्यक्रम में 100 से अधिक देश हिस्सा लेंगे।
यह माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित करीब आधा दर्जन मंत्री भी शिरकत कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र व गुजरात के सहकारी क्षेत्र विशिष्ट रूप से अपनी दक्षता और अनुभव को सझा करेंगे।
इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि इस कार्यक्रम में वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारी दिवस के रूप में मनाने का भी ऐलान किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न राज्यों में भी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। सहकारी क्षेत्र से युवाओं और महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की योजनाओं पर भी विमर्श किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी क्षेत्र की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों के साथ दूसरे देशों के सहकारी संगठनों को भी जोड़ने का कार्य किया जाएगा। दुनिया के विभिन्न देश के संगठन अपनी पसंद के उत्पाद या सेवा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर आपसी समझौता पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में आने वाले देशों के प्रतिनिधियों को भारत के विभिन्न राज्यों में ले जाने का भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिससे वे यह देख व समझ पाएं कि उनको किस राज्य में किस क्षेत्र में सहयोग और संबंध के लिए निर्णय करना है।
संघानी ने बताया कि यह कार्यक्रम कार्बन तटस्थ होगा। यहां आने वाले प्रतिनिधियों की संख्या के लिहाज से करीब 4 हजार पीपल के पेड़ लगाने की जरूरत थी। लेकिन हमारी ओर से करीब 10 हजार पेड़ लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसी तरह से इस कार्यक्रम में मोटा अनाज या श्री अन्न का पूर्ण शाकाहारी भोजन दिया जाएगा। इसमें मदिरा का भी प्रयोग निषेध रहेगा।