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हैदराबाद स्थित सिटिज़न कोऑपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन पी.आर.वी.पी.एस. राजू ने मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज (एमएससीएस) के लिए भी बैंकों की तरह सरफेसी अधिनियम लागू करने की मांग की है, जिससे इन सोसाइटीज को ऋण की वसूली में आसानी होगी।
पिछले सप्ताह शनिवार को एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित नेफकॉब की 48वीं वार्षिक आम बैठक में भारतीय सहकारिता संवाददाता से बात करते हुए राजू ने कहा कि वर्तमान में बकाया वसूलने की प्रक्रिया अत्यधिक लंबी और जटिल है, जिससे वसूली में देरी हो रही है।
राजू ने यह भी बताया कि हाल ही में संशोधित एमएससीएस (संशोधन) अधिनियम 2023 के तहत सख्त प्रूडेंशियल मानदंड और पांच साल की अनुपालन अवधि, जिसमें एनपीए के मानदंड भी शामिल हैं, लागू किए गए हैं। मौजूदा प्रणाली के तहत इन मानदंडों का पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरफेसी अधिनियम को एमएससीएस पर लागू किया जाए, तो इससे वसूली प्रणाली को मजबूती मिलेगी और नए नियामक मानदंडों का पालन करना आसान हो जाएगा।