गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पिछले सप्ताह अमरेली में कई सहकारी समितियों की संयुक्त वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे किसानों के बीच ऑर्गेनिक खेती के बारे में जागरूकता फैलाएं।
कार्यक्रम की मेज़बानी राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष दिलीपभाई सांगाणी ने की। अपने संबोधन में राज्यपाल देवव्रत ने प्राकृतिक खेती के बढ़ते महत्व पर जोर दिया और किसानों के बीच इसके फायदों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
राज्यपाल ने चेतावनी दी कि रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग मिट्टी की उर्वरता को खराब कर रहा है और जल अवशोषण को कम कर रहा है, जिससे अंततः फसलों को नुकसान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों से उगाई गई फसलों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे दिल का दौरा, कैंसर, मधुमेह, और किडनी की बीमारी। देवव्रत ने अमरेली के किसानों से अपील की कि वे जल्द से जल्द रासायनिक-मुक्त खेती अपनाएं।
एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीपभाई सांगाणी ने भी रासायनिक उर्वरकों के कारण मिट्टी की बिगड़ती गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यपाल की प्रशंसा की।
अमरेली के विधायक कौशिकभाई वेकरिया और सांसद भरतभाई सुतिया ने सहकारिता के क्षेत्र में सांगाणी के नेतृत्व को सराहा और उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
इस कार्यक्रम में गुजरात भाजपा युवा अध्यक्ष प्रशांत कोरट और उपाध्यक्ष मनीष सांगाणी ने भी संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने सहकारिता क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों में सहकारी कार्यक्रम युवा पीढ़ी को सशक्त बना रहे हैं।
मुखेशभाई सांगाणी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस समारोह में कई सहकारी नेता, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, और बड़ी संख्या में सहकारी सदस्य, किसान और महिलाएं शामिल हुईं।