नेफकॉब की 48वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान क्रेडिट सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने बेबाकी से अपनी समस्याएं उठाईं और इन मुद्दों पर ध्यान देने के लिए नेफकॉब से विशेष पैनल या विंग स्थापित करने की मांग की।
दिल्ली स्थित जनप्रिय अर्बन थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन सत्यदेव सोलंकी ने कहा, “नेफकॉब अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है, लेकिन क्रेडिट सहकारी समितियों की समस्याओं को वह उतनी गंभीरता से नहीं ले रही।” उन्होंने इन समितियों की चुनौतियों पर समान ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए विशेष समिति के गठन की मांग की।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नेफकॉब के अध्यक्ष लक्ष्मी दास ने कहा कि नेफकॉब क्रेडिट सहकारी समितियों के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए एक विशेष सेल स्थापित करने पर विचार कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश स्थित सीडी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कमल चंद राणा ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “हम पिछले 23 वर्षों से सहकारिता क्षेत्र में कार्यरत हैं और अब शहरी सहकारी बैंक में बदलना चाहते हैं। इस दिशा में नेफकॉब को हमारी मदद करते हुए हमें बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।”
इसके अलावा, फामको के सीईओ एम. अलोयसियस ने केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय से क्रेडिट सहकारी समितियों के लिए चुनावी खर्च उनकी वित्तीय क्षमता के अनुरूप निर्धारित करने की वकालत की।
उन्होंने कहा, “हमारी सोसाइटी बहु-राज्यीय है, लेकिन छोटी है और वर्तमान में निर्धारित चुनावी खर्च को पूरा करना हमारे लिए संभव नहीं है। इस दिशा में सभी समितियों के लिए एक समान ढांचा उचित नहीं है।”