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सहकारी प्रशिक्षण के लिए एनसीयूआई को मिले 100% फंडिंग: संघाणी

नई दिल्ली में बुधवार को आयोजित भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) की वार्षिक आम बैठक में संघ के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए 100 प्रतिशत वित्त पोषण की मांग की। इस बैठक में लगभग सभी शासी परिषद के सदस्य और देशभर से 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

संघाणी ने कहा, “एनसीयूआई की नई शैक्षिक और प्रशिक्षण योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करने के लिए, मैंने व्यक्तिगत रूप से अमितभाई और सहकारिता सचिव से मिलकर एनसीयूआई की भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया है। मैंने अनुरोध किया है कि एनसीसीई, सहकारी परियोजनाएं, राज्य सहकारी संघ के प्रस्तावों का कार्यान्वयन और जूनियर सहकारी प्रशिक्षण केंद्रों के खर्चों को सहकारी शिक्षा फंड से 100% वित्त पोषण मिलना चाहिए।”

हाल ही में, सरकार ने एनसीयूआई से सहकारी शिक्षा परियोजनाओं के लिए नए राजस्व स्रोतों की खोज करने को कहा है। संघाणी ने कहा, “मैंने अमितभाई को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे पहलों के लिए 100% खर्च को सहकारी शिक्षा फंड द्वारा कवर किया जाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि इस संबंध में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। हम विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नए राजस्व स्रोत खोजने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”

संघाणी ने जोर देकर कहा कि एनसीयूआई की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका कमजोर सहकारी समितियों के विकास में मदद करना और नीचले स्तर पर सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना है। “अगर फंड सरकार के पास है, तो आप जानते हैं इसके क्या निहितार्थ होंगे—आवेदन महीनों तक धूल फांकते रहेंगे,” उन्होंने कहा। “मैं अभी भी आशावादी हूं और सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस पर पुनर्विचार करें। मैं यह भी उम्मीद करता हूं कि आगामी सहकारी नीति एनसीयूआई के लिए कुछ आशा की किरण लेकर आएगी।”

उन्होंने एनसीयूआई द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यों पर भी प्रकाश डाला। एनसीसीई ने महत्वपूर्ण प्रगति की है और वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 215 कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें 8,646 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसके अलावा, एनसीयूआई ने महिलाओं के लिए एक उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी सफलतापूर्वक आयोजित किया।

संघाणी ने एनसीयूआई की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। कई सफल अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें एनसीयूआई ने सिकटेब और पश्चिम बंगाल राज्य सहकारी संघ के सहयोग से ‘कोऑपरेटिव गर्वनेंस’ पर एक कार्यक्रम आयोजित किया।

उन्होंने बताया कि एनसीयूआई ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के लिए नए प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए हैं। ‘ट्रेनर्स फॉर ट्रेनिंग’ कार्यक्रम भी विभिन्न स्थानों पर सफलतापूर्वक आयोजित किए गए।

एनसीयूआई ने ‘राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस 2023’ की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और ‘सहकार जागरण’ का प्रकाशन करके, एनसीयूआई ने सरकार की योजनाओं और पहलों को जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया है।

बैठक के दौरान कई प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर एनसीयूआई के उपाध्यक्ष बीजेंद्र सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। बीजेंद्र ने एनसीयूआई के नवीकरण कार्यों के लिए संघाणी की प्रशंसा की, जिसने संघ के परिसर को एक नया रूप दिया है।

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