महाराष्ट्र में मत्स्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में वेमनिकॉम और आईसीएआर सीआईएफई द्वारा 11 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2024 तक विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य सहकारिता मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं को थाणे, पालघर, रायगढ़, और मुंबई जिलों में मत्स्य सहकारी समितियों तक पहुंचाना था।
इस श्रृंखला का पहला कार्यक्रम थाणे जिला मत्स्य सहकारी संघ में हुआ, जहां वेमनिकॉम और आईसीएआर सीआईएफई के संकाय सदस्यों ने इन चार जिलों की 34 मत्स्य सहकारी समितियों के 70 से अधिक निदेशक मंडल के सदस्यों के साथ संवाद किया।
इस दौरान प्रतिभागियों को मस्त्य संपदा योजना और मत्स्य एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि जैसी सरकार की प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई, जो मत्स्य पालन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बनाई गई हैं।
कार्यक्रम की प्रमुख झलक अर्नाला मत्स्य बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति में दिखी, जहां 400 से अधिक मत्स्य समुदाय के हितधारकों ने भाग लिया। इस जागरूकता कार्यक्रम में हाल ही में शुरू की गई एमपैक्स जैसी योजनाओं के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
वर्सोवा मत्स्य बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति, वर्सोवा, मुंबई में भी इसी तरह का सफल जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां स्थानीय सहकारी समितियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के बारे में बताया गया।
इन कार्यक्रमों ने न केवल सहकारी समितियों के संचालन में सुधार के लिए आवश्यक जानकारी और उपकरण प्रदान किए, बल्कि सहकारी समितियों के बीच सहयोग और एकजुटता को भी बढ़ावा दिया, जिससे मत्स्य क्षेत्र में समग्र विकास और स्थिरता को प्रोत्साहन मिला।
यह पहल वेमनिकॉम, आईसीएआर सीआईएफई और सहकारिता मंत्रालय की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके माध्यम से वे स्थानीय मत्स्य सहकारी समितियों को सशक्त बना रहे हैं, ताकि वे न केवल प्रतिस्पर्धी बाजार में सफल हो सकें बल्कि अपने समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।