लातूर (महाराष्ट्र) स्थित महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक के अध्यक्ष शिवाजी राव पाटिल ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के लिए एनपीए वसूली प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की है।
अपने पत्र में पाटिल ने उल्लेख किया कि सरफेसी अधिनियम और 101 सर्कुलरों के लागू होने से पहले, सहकारी बैंक सीधे गिरवी रखी गई संपत्तियों को जब्त कर एनपीए की वसूली शुरू कर सकते थे। हालांकि, वर्तमान में बैंकों को संपत्तियों पर कब्जा करने से पहले जिला कलेक्टर और तहसीलदार से अनुमति प्राप्त करनी होती है, जिससे वसूली प्रक्रिया में देरी होती है।
पाटिल ने कहा कि जिला कलेक्टर और आरडीसी अक्सर अन्य प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जिससे उन्हें एनपीए संबंधित मामलों को प्राथमिकता देने का समय नहीं मिल पाता और इस वजह से बैंकों के लिए प्रक्रिया में अड़चनें उत्पन्न होती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रियात्मक देरी समय पर वसूली में बाधा डाल रही है और सहकारी बैंकों के लिए वित्तीय तनाव का कारण बन रही है।
इस समस्या के समाधान के लिए पाटिल ने सहकारिता विभाग को अन्य वित्तीय संस्थानों के समान अधिकार देने का प्रस्ताव किया ताकि वह बिना जिला अधिकारियों की पूर्व स्वीकृति के एनपीए की वसूली सीधे कर सकें।
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह वर्तमान नियम में सुधार करे और सहकारिता विभाग को वसूली प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सशक्त बनाए, ताकि सहकारी बैंकों का संचालन सुचारू रूप से हो सके।