नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस का बुधवार शाम समापन हुआ। इस सम्मेलन में 107 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और वैश्विक स्तर पर सहकारी आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।
समापन समारोह में रॉचडेल पायनियर्स अवॉर्ड 2024 से सम्मानित डॉ. यू. एस. अवस्थी ने कहा, “हम सहकारिता के माध्यम से समाज के वंचित वर्ग के लोगों की सेवा करने का संकल्प लेते हैं।”
समारोह के मुख्य अतिथि फ़िजी के उप प्रधानमंत्री महामहिम मानोआ कामिकामिका और केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल थे। मंच पर आईसीए के अध्यक्ष एरियल गुआर्को, आईसीए एपी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, इफको और एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी, इफको के एमडी डॉ. यू. एस. अवस्थी उपस्थित थे।
समापन समारोह में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) द्वारा ग्रामीण इलाकों में निभाई जा रही अहम भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पैक्स अब पीएम जनऔषधि केंद्र और पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में काम कर रही हैं, जिससे उनकी आय के स्रोत बढ़ रहे हैं।
आईसीए अध्यक्ष एरियल गुआर्को ने सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह तीन दिवसीय आयोजन सभी प्रतिभागियों के लिए ऊर्जा से भरपूर रहा। भारत में मुझे घर जैसा महसूस हो रहा है।”
आईसीए के डायरेक्टर-जनरल जेरोन डगलस ने ‘नई दिल्ली एक्शन एजेंडा ऑन द फ्यूचर ऑफ कोऑपरेटिव्स: क्रिएटिंग प्रॉस्पेरिटी फॉर ऑल’ की प्रस्तुति दी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित करने की घोषणा की और बताया कि सहकारी मॉडल असमानता, जलवायु परिवर्तन और संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकता है।
‘नई दिल्ली एक्शन एजेंडा’ चार मुख्य स्तंभों पर आधारित है: सहकारी पहचान को मजबूत करना, सहायक नीतियों को सक्षम बनाना, मजबूत नेतृत्व का विकास, और एक सतत भविष्य का निर्माण।
आईसीए एपी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि सहकारी समितियां समाज को सेवाएं प्रदान कर रही हैं, लेकिन 2021 में सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद इस पर और अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री और सहकारिता मंत्री का आभार व्यक्त किया।
एनसीयूआई अध्यक्ष दिलीप संघानी ने सहकारिता आंदोलन को संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत करने और सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए मंत्रालय द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला।
समापन समारोह में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाला भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ओडिसी, कथक, भरतनाट्यम, मणिपुरी (पुंगचोलम), मोहिनीअट्टम, समकालीन नृत्य, मार्शल आर्ट और विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए।
इस कार्यक्रम की सफलता में इफको के संतोष शुक्ला और आईसीए के संतोष कुमार के योगदान की सराहना की गई।