केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह अमृतसर में आयोजित सहकार भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहकारिता के महत्व को एक अनोखे गणितीय दृष्टांत के माध्यम से समझाया।
गडकरी ने अपने कॉलेज के दिनों का एक किस्सा साझा करते हुए कहा, “मेरे एक मित्र ने मुझसे सहकारिता का मतलब पूछा। मैंने इसे सरल उदाहरण से समझाया। मान लीजिए, एक व्यक्ति ‘ए’ का कार्य ए² के बराबर है और दूसरे व्यक्ति ‘बी’ का कार्य बी² के बराबर है। जब ये दोनों अलग-अलग काम करते हैं, तो उनका कुल योगदान केवल ए² + बी² होता है।”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन जब ‘ए’ और ‘बी’ मिलकर काम करते हैं, तो उनका संयुक्त प्रयास केवल जुड़ता नहीं, बल्कि बढ़ता है और ए² + बी² + 2एबी बन जाता है। यह अतिरिक्त ‘2एबी’ वह शक्ति है जो सहकारिता—या सहकार—से उत्पन्न होती है।”
गडकरी ने जोर देते हुए कहा, “सहकारिता के माध्यम से लोग वह हासिल कर सकते हैं जो अकेले संभव नहीं है।”
उन्होंने सहकारिता की भावना को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा, “इस शक्ति का लाभ उठाने के लिए हमें मिल-जुलकर रहने और काम करने की कला विकसित करनी होगी। साथ ही, हमें अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन्हें दूर करना होगा, ताकि हर व्यक्ति की ताकत सामूहिक सफलता में योगदान दे सके।”