केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज और डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दो ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सहकार से समृद्धि के विज़न को साकार करने की दिशा और छत्तीसगढ़ में सहकारिता क्षेत्र के विस्तार में ये समझौते महत्वपूर्ण साबित होंगे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में सहकारिता के माध्यम से दो अच्छी शुरूआत हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज खानपान में विषैले तत्वों की मात्रा बढ़ने के कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारियां लोगों को हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ की आबादी वाले भारत जैसे विशाल देश में बीमारियों का इलाज करने की जगह बीमारियां न हों, ऐसा खानपान लाना ज़रूरी है।
शाह ने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में ऑर्गेनिक खेती पर बहुत ज़्यादा ध्यान देने की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि एक ज़माने में कहा जाता था कि ऑर्गेनिक खेती करने से किसानों की आय कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे राज्यों में लाखों किसानों ने ऑर्गेनिक खेती को स्वीकार किया है और उनकी आय में वृद्धि हुई है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुजरात के किसान, देसी गाय के गोबर को एक विशिष्ट प्रक्रिया से ऑर्गेनिक खाद में बदल कर एक गाय से 21 एकड़ खेती सफलतापूर्वक कर बिना किसी रासायनिक खाद या पैस्टीसाइड डाले सवा गुना उत्पादन कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि आज बाज़ारों में कई प्रकार के ऑर्गेनिक कहलाने वाले उत्पाद मिलते हैं लेकिन उनके सर्टिफिकेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी ऑर्गेनिक उपज का उचित दाम नहीं मिलता था क्योंकि ये पता करना मुश्किल था कि ये उत्पाद ऑर्गेनिक है या नहीं और एक विश्वास का संकट खड़ा हो गया था।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने बहुद्देश्यीय राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था एनसीओएल की स्थापना की। उन्होंने कहा कि आज दो बड़े कोऑपरेटिव ब्रांड, भारत और अमूल, विश्वसनीय तरीके से ऑर्गेनिक फूड सप्लाई कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले 4 वर्षों में देश के हर ज़िले में मृदा परीक्षण और ऑर्गेनिक उपज के परीक्षण के बाद सर्टिफाई किया हुआ अनाज देश के बाज़ार में मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज देश में चावल और हल्दी जैसी 16 भारत ब्रांड के ऑर्गेनिक उत्पाद मिल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच हुए समझौते का उद्देश्य राज्य के डेयरी सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाना और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना है। राज्य में वर्तमान में कार्यरत 650 डेयरी सहकारी समितियों को विस्तारित कर 3850 तक बढ़ाया जाएगा।
साथ ही, 3200 नई बहुउद्देशीय प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। दूध संकलन की क्षमता को 79 हजार किलोग्राम से बढ़ाकर 5 लाख किलोग्राम प्रतिदिन और दूध प्रसंस्करण क्षमता को तीन गुना बढ़ाकर 4 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। तरल दूध की बिक्री को 10 गुना बढ़ाकर 4 लाख लीटर प्रतिदिन तक ले जाने का लक्ष्य है।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) इस परियोजना के तहत प्रबंधकीय सहायता प्रदान करेगा और डेयरी संयंत्रों, कैटल फीड प्लांट और मिनरल मिक्स्ड प्लांट के लिए किसी भी तकनीकी सेवा शुल्क चार्ज नहीं लेगा।
इस परियोजना को केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं, नाबार्ड के ऋण और राज्य सरकार के योगदान के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।