केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित सहकारिता मंत्रालय में नेशनल कॉपरेटिव आर्गेनिक लिमिटेड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष कुमार भूटानी, सहकारिता मंत्रालय के अपर सचिव पंकज बंसल, नेशनल कॉपरेटिव आर्गेनिक लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मिनेश शाह और नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी के. वी. सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बैठक के दौरान अमित शाह ने कहा कि देश में सभी पैक्स को ऑर्गेनिक मिशन से जोड़कर ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने का अभियान चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक उत्पादों के स्रोत और उत्पादों की शुद्धता का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। श्री अमित शाह ने कहा कि एनसीओएल को अपने “भारत ऑर्गेनिक्स” ब्रांड के तहत किसानों से ग्राहकों तक प्रामाणिक जैविक उत्पादों की एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने पर जोर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राहकों को शुद्ध प्रमाणिक जैविक उत्पाद बाजार मे सुलभ हो सकें इसमे एनसीओएल को प्रत्येक ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ उत्पाद के बैच का अनिवार्य परीक्षण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अमूल की डेयरियां और एनडीडीबी की संस्थाओं से जुड़े किसानों को भी आर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि किसानों को उनके ऑर्गेनिक उत्पादों के बदले उचित मूल्य मिलना चाहिए ताकि वे ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में प्रेरित हो सकें।
शाह ने एनसीओएल और सहकारिता मंत्रालय को कहा कि अमूल के साथ भारत ऑर्गेनिक्स पर एक बैठक करके ऑर्गेनिक आटे, और ऑर्गेनिक अरहर दाल के दामों को इस प्रकार से निश्चित करना चाहिए जिससे किसानों को फायदा पहुंचे और वे ऑर्गेनिक खेती की तरफ ज्यादा प्रेरित हों।
शाह ने कहा कि एक बार अगर किसान को ज्यादा दाम मिलने की शुरुआत होगी तो निश्चित ही किसान धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती की तरफ प्रोत्साहित होंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगर मार्केटिंग अच्छी होगी, तो जिस प्रकार से ऑर्गेनिक उत्पादों के प्रति लोगों में जागरूकता है, उससे निश्चित रूप से पूरे देश में इन उत्पादों की मांग कई गुना बढ़ेगी। उन्होंने आगामी पर्व-त्योहारों में ऑर्गेनिक उत्पादो को और बढ़ावा देने की अपील की।
श्री अमित शाह ने कहा कि देश के सभी पैक्स कृषि उत्पाद के स्रोत, ऑर्गेनिक उत्पादों की बिक्री के केन्द्र, और बीजों की बिक्री के केन्द्र बनें ताकि एनसीओएल, एनसीईएल और बीबीएसएसएल जैसी राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं को भी बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि इन 2 लाख सहकारी समितियों में कम से कम एक ऐसे युवा किसान को जोड़ना चाहिए जो आगे चलकर स्थानीय सहकारी ढांचे को मजबूत बनाने में प्रेरक का काम कर सके। शाह ने पैक्स के सदस्यों के साथ-साथ किसानों के समुचित प्रशिक्षण पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड को सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर नये पैक्स ऐसी कार्यप्रणाली निर्धारित करनी चाहिए जिससे प्रत्येक किसान को उसके क्षमता के अनुरूप ऋण उपलब्ध कराया जा सके।