सहकारिता क्षेत्र के जाने-माने नेता सुनील कुमार सिंह और उनके पैनल ने बिहार मार्केटिंग कोऑपरेटिव- बिस्कोमॉन के निदेशक मंडल के चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज की। उन्होंने एनसीसीएफ के चेयरमैन विशाल सिंह के नेतृत्व वाले पैनल को करारी शिकस्त दी।
17 निदेशक सीटों में से सुनील कुमार सिंह के पैनल ने 12 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि विशाल सिंह के पैनल को केवल 5 सीटें हासिल हुईं। पिछले शुक्रवार को हुए मतदान और मतगणना के दौरान दोनों गुटों के बीच हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं।
हालांकि, निदेशक मंडल के नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, क्योंकि परिणामों को अनुमोदन के लिए सहकारिता चुनाव प्राधिकरण को भेजा गया है।
जीत के तुरंत बाद भारतीय सहकारिता से बात करते हुए सुनील कुमार सिंह ने कहा, “मैं सभी डेलीगेट्स का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हमारे पैनल को भारी बहुमत दिया। मैं उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें भरोसा था कि हमारा पैनल भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगा और मतगणना के नतीजे इसे साबित करते हैं। चुनाव को बार-बार टालने और मेरी स्थिति को कमजोर करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन वे सभी विफल रहे।”
सुनील कुमार सिंह ने यह भी कहा, “मैं पिछले 22 वर्षों से बिस्कोमॉन से जुड़ा हुआ हूं और किसानों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जो नेता बिस्कोमॉन से कभी सीधे जुड़े नहीं रहे, वे इसकी जिम्मेदारी कैसे संभाल सकते हैं?”
सुनील कुमार सिंह के पैनल से जीतने वाले निदेशकों में वह खुद, उनकी पत्नी बंदना सिंह, अभिजीत कुमार, हीरा प्रसाद, राम केलावर सिंह, पार्थ कुमार यादव, रमेश चंद्र चौबे, मधु प्रिया, साहीन कलाम, विनय कुमार यादव और मुनेश्वर पाहन शामिल हैं।
विशाल सिंह के पैनल से विजेताओं में विशाल सिंह खुद, महेश राय, शोभा सिंह, विनय कुमार शाही और दिनेश सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, यह भी दावा किया जा रहा है कि नालंदा के विधायक जितेंद्र कुमार ने निदेशक मंडल में अपनी जीत दर्ज की है।
इस चुनाव में सुनील कुमार सिंह के पैनल के रमेश चौबे और पार्थ कुमार यादव ने महज एक वोट के अंतर से जीत हासिल की। दोनों को 120 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी मनोज कुमार और नवेंद्र झा को 119 वोट ही मिले।
वहीं, विशाल सिंह के पैनल ने झारखंड के विधायक अनूप सिंह पर मतदान केंद्र पर हंगामा करने, मतदाताओं को डराने और एक मतदाता का बैलेट पेपर फाड़ने का आरोप लगाया।
बिस्कोमॉन के चुनाव कई बार स्थगित किए जा चुके थे। हालांकि, इस बार सहकारिता चुनाव प्राधिकरण और पटना के डीएम की सक्रिय भागीदारी के कारण चुनाव पारदर्शी तरीके से संपन्न हुए।
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को बिस्कोमॉन के पदाधिकारियों का चुनाव होगा। हालांकि, एमएससीएस अधिनियम में हालिया संशोधनों के कारण सुनील कुमार सिंह शीर्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते, लेकिन वह इस पद के लिए किसी योग्य उम्मीदवार को नामित कर सकते हैं।