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शाह ने की वेंकटेश्वर समिति की सराहना; शास्त्री के दृष्टिकोण को किया याद

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित ‘सहकारिता सम्मेलन’ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सहकारिता क्षेत्र से संबंधित विभिन्न कार्यों का शुभारंभ भी किया। सम्मेलन में केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ने किसान, खेतिहर मजदूर और इसके साथ-साथ सेना को भी मजबूत करना शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि यहाँ एक ही कोऑपरेटिव के माध्यम से जय जवान जय किसान और मृदा परीक्षण की लेबोरेट्री बनाकर जय विज्ञान को भी एक ही जगह स्थापित करने का काम किया गया है।

अमित शाह ने कहा कि पहले चर्चा होती थी कि खेती में कोई मुनाफ़ा नहीं है, लेकिन उनका आज भी दृढ़ विश्वास है कि यदि सहकारिता आंदोलन और विज्ञान दोनों को जोड़ दिया जाए तो इसमें कोई शंका नहीं कि आज भी खेती मुनाफे वाला बिजनेस है।

उन्होंने कहा कि पहले किसान परम्परागत तरीके से खेती करते थे और उन्हें पता नहीं होता था कि उनके खेत की मिट्टी में किस चीज़ की मात्रा अधिक या किसकी मात्रा कम है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने जब मिट्टी के परीक्षण की बात की, तब पता चला कि किसान ऐसे खाद खेत में डालते थे, जिनकी ज़रुरत ही नहीं थी और न्यूट्रिशन के लिए जिस खाद का इस्तेमाल करना चाहिए था, वह नहीं किया जा रहा था।

उन्होंने कहा कि नासिक जिले में बनाई गई अत्याधुनिक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी। उन्होंने कहा कि अब मिट्टी के परीक्षण से मालूम पड़ेगा कि किसान जिस पानी का इस्तेमाल कर रहे, उसमें पीएच मात्रा कितनी है, सल्फर डालना है या नहीं, डीएपी कितना डालना है और कौन सी फसल की खेती करने से ज्यादा मुनाफा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यह सुविधा किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि वेंकटेश्वरा सोसाइटी ने एक साथ कई पहल की है। उन्होंने कहा कि आज वर्चुअल माध्यम से बेलगांव में वेंकटेश्वरा काजू प्रोसेसिंग फैक्ट्री का उद्घाटन हुआ है, जहां प्रतिदिन 24 टन काजू प्रोसेस किया जाएगा और इससे 18,000 किसानों को काजू की खेती के लिए उचित दाम मिल पाएंगे।

उन्होंने कहा कि 1500 से ज्यादा गिर की गायें भी लाई गई हैं, जिससे सभी प्रकार के उत्पाद भी बनेंगे और गाय के गोबर एवं गौमूत्र से ऑर्गेनिक खेती की भी शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि इन पहलों से किसान समृद्ध बनेंगे और इससे धरती माता की भी रक्षा होगी।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि वेंकटेश्वरा कोऑपरेटिव ने सौर ऊर्जा, बायो फ्यूल, सीएनजी, जल भंडारण, मछली पालन, पंचगव्य, अगरबत्ती, ऑर्गेनिक खेती और सरकारी ब्रांड के तहत किसानों को जोड़ने का सराहनीय काम किया है, साथ ही उन्होंने देश के जवानों को जोड़ने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि जवान और किसान सिर्फ दो वर्ग ऐसे हैं जो बारिश, धूप, ठंड की चिंता किए बगैर धरती माता के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि आज सहकारिता के इस कार्यक्रम के माध्यम से जवान और किसान दोनों ही साथ आए।

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