नाबार्ड ने राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक (राजस्थान एलडीबी) को 60 करोड़ रुपये के पुनर्वित्त (रीफाइनेंस) को मंजूरी दी है।
यह कदम बैंक के लिए राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से उच्च गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के कारण गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
राजस्थान की सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव और सहकारी समितियों की रजिस्ट्रार श्रीमती मंजू राजपाल ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह पुनर्वित्त बैंक को किसानों को कम ब्याज दर पर दीर्घकालिक ऋण प्रदान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे राज्य की दीर्घकालिक ऋण संरचना को मजबूती मिलेगी।
हालांकि, बैंक अभी भी गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। 31 मार्च, 2024 को रिपोर्ट किए गए वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, बैंक पर कुल बकाया ऋण 1,541.39 करोड़ रुपये है, जिसमें से 946.52 करोड़ रुपये एनपीए के रूप में दर्ज हैं। यह कुल ऋण का 61.41% है, जो बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
राज्य सरकार एनपीए संकट से निपटने के लिए एक वन-टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। इस योजना का उद्देश्य बकाया ऋणों की वसूली कर बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारना है।