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केंद्र सरकार ने दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेस’ की घोषणा की है। संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पहले से ही नेशनल मिशन फॉर एडिबल ऑयलसीड्स के माध्यम से खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनने के लिए काम कर रही है।
सीतारमण ने कहा, “दस साल पहले, सरकार ने दालों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए ठोस प्रयास किए थे, जिससे दालों की खेती का रकबा 50% बढ़ा। सरकार ने किसानों के लिए खरीद और लाभकारी मूल्य की व्यवस्था की, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई। हालांकि, बढ़ती आय और बेहतर क्रय शक्ति के कारण अब दालों की खपत भी काफी बढ़ गई है।”
इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार अगले छह वर्षों के लिए ‘मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेस’ शुरू करेगी। इस मिशन के तहत, विशेष रूप से तूर, उड़द और मसूर दालों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां—नेफेड (नेफेड) और एनसीसीएफ (एनसीसीएफ)— अगले चार वर्षों तक किसानों से तूर, उड़द और मसूर की दालें खरीदेंगी।