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दिल्ली में सहकारिता गुजरात, महाराष्ट्र मॉडल की तर्ज पर हो विकसित: सावंत

सहकार भारती दिल्ली प्रदेश, यूनाइटेड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी फेडरेशन दिल्ली, और सहकारिता प्रकोष्ठ दिल्ली के संयुक्त प्रयास से अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर ‘सहकार मिलन एवं संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन हाल ही में गांधी दर्शन, बिरसा मुंडा मैदान, राजघाट, दिल्ली में किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, हरियाणा के सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा, नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर, सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं क्रेडिट सोसाइटी फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता, सहकारिता प्रकोष्ठ के संयोजक सुनील कुमार गोयल, सहकार भारती दिल्ली प्रदेश महामंत्री  शिव शंकर गुप्ता, उपाध्यक्ष श्री अशोक छिब्बर, नेफकेब के निदेशक एवं पानीपत अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष ओ. पी. शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम में 500 से अधिक सहकारी संस्थाओं के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हुए। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सहकारिता के योगदान और केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का कैलेंडर और डायरी का लोकार्पण मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और हरियाणा के सहकारिता मंत्री  अरविंद शर्मा द्वारा किया गया।

सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने में सहकारिता क्षेत्र की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र को गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर विकसित करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

नेफेड के निदेशक श्री अशोक ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी साझा की। सहकारिता प्रकोष्ठ के संयोजक सुनील गोयल और श्री प्रवेश कुमार गुप्ता ने दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र की चुनौतियों और समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया।

हरियाणा के सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र में पिछले चार वर्षों में किए गए सुधारों, जैसे पैक्स का कंप्यूटराइजेशन, तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्थाओं की स्थापना, पैक्स को बहुउद्देशीय बनाने और बहु-राज्य सहकारिता अधिनियम में संशोधन, पर विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में विभिन्न सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस अवसर पर अतिथियों को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का कैलेंडर और डायरी भेंट स्वरूप प्रदान की गई।

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