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भारत सरकार 2,516 करोड़ की लागत से प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण की परियोजना लागू कर रही है।
इसके तहत सभी कार्यशील पैक्स को नाबार्ड द्वारा विकसित ईआरपी-आधारित सॉफ़्टवेयर से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से नाबार्ड से जुड़ सकें।
27 जनवरी 2025 तक 50,455 पैक्स को इस प्रणाली में शामिल किया जा चुका है। अब तक 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 67,930 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 741.34 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
यह ईआरपी सॉफ़्टवेयर राज्यों की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है और इसमें ऋण, खरीद, भंडारण, सार्वजनिक वितरण, परिसंपत्ति प्रबंधन और मानव संसाधन प्रबंधन सहित 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि यह पहल पैक्स की कार्यक्षमता, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ किसानों में भरोसा मजबूत करेगी और “सहकार से समृद्धि” के लक्ष्य को साकार करने में योगदान देगी।