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लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्य सहकारी बैंकों, जिला सहकारी बैंकों और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के क्रेडिट-डिपॉजिट (सीडी) रेशियो से जुड़ी जानकारी साझा की।
अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का सीडी रेशियो अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ है, जहां अधिकांश बैंकों का अनुपात 75% से कम है। वहीं, कुछ राज्य सहकारी बैंकों, विशेष रूप से राजस्थान और आंध्र प्रदेश में, यह अनुपात 300% से अधिक पहुंच गया है। इससे जहां उच्च लाभ की संभावना बनती है, वहीं तरलता संकट और एनपीए बढ़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
डीसीसीबी (जिला केंद्रीय सहकारी बैंक) में सीडी रेशियो में सबसे अधिक अस्थिरता देखी गई। कुछ बैंकों का अनुपात 300% से अधिक है, जबकि कुछ का केवल 5-10% ही है, जो कमजोर ऋण वितरण को दर्शाता है। यह इंगित करता है कि कुछ बैंक तेजी से विस्तार कर रहे हैं, जबकि अन्य बैंक अपनी जमा राशि का प्रभावी उपयोग करने में असफल हो रहे हैं।
राजस्थान राज्य सहकारी बैंक का सीडी रेशियो 365.86% के साथ सबसे अधिक दर्ज किया गया, इसके बाद आंध्र प्रदेश (354.41%) और हरियाणा (245.56%) का स्थान रहा। वहीं, चंडीगढ़ (21.43%), दमन और दीव, और असम में यह अनुपात सबसे कम रहा।
मध्य प्रदेश में, शाजापुर जिला सहकारी बैंक का सीडी रेशियो 236.43% और राजगढ़ जिला सहकारी बैंक का 206.01% दर्ज किया गया। ओडिशा में बालासोर भद्रक सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक का सीडी रेशियो 97% रहा, जबकि भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक का मात्र 8.80% रहा।
अहमदाबाद मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक का सीडी रेशियो 57.1%, अखंड आनंद कोऑप बैंक का 74%, और कोलकाता पुलिस कोऑप बैंक का 103.8% दर्ज किया गया।
इसके अलावा, शाह ने ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) में डिजिटल बदलाव की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 39 बैंकों को इंटरनेट बैंकिंग लाइसेंस, 135 बैंकों को मोबाइल बैंकिंग सुविधा, और 362 बैंकों को एमआईसीआर/सीटीएस प्रणाली के अंतर्गत लाया गया है।