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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल, मुरलीधर मोहोल, समिति के सदस्य, केन्द्रीय सहकारिता सचिव और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अमित शाह ने कहा कि देश की आज़ादी के कुछ वर्षों बाद तक सहकारिता आंदोलन मजबूत स्थिति में था, लेकिन बाद में ज़्यादातर राज्यों में यह कमजोर होता गया।
उन्होंने कहा कि केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद हमने सबसे पहले राज्यों के साथ मिलकर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का डेटाबेस बनाने का काम किया और दो लाख पैक्स के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस विकसित करने का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब देश भर की सहकारी समितियों की क्षेत्रवार जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है।
शाह ने कहा कि पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए कदम उठाये गये। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश की एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी जहां पैक्स उपलब्ध नहीं हों।
उन्होंने बताया कि पैक्स को व्यवहार्य बनाने के लिए बायलॉज लागू किए गए हैं, जिससे वे 20 से अधिक गतिविधियों, जैसे कॉमन सर्विस सेंटर व जन औषधि केंद्र से जुड़ सकें।
शाह ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के गठन के लिए विधेयक पेश किया है, जिससे क्षेत्र में पेशेवरों को तकनीकी व प्रशासनिक प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही, एनसीईएल, एनसीओएल और बीबीएसएल जैसी संस्थाओं के माध्यम से निर्यात, ऑर्गेनिक उत्पादों और उन्नत बीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार कोऑपरेटिव सेक्टर को कॉर्पोरेट सेक्टर के समान अवसर देने हेतु वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और आयकर विभाग के साथ टैक्स संरचना को समान बनाने पर कार्य कर रही है।
श्री शाह ने बताया कि इफको, कृभको, एनडीडीबी सहित अन्य राष्ट्रीय सहकारी संस्थानों के साथ रोडमैप तैयार किया गया है। पैक्स अब रेलवे टिकट बुकिंग कर रही हैं और जल्द ही एयरलाइंस टिकट भी बेच सकेंगी।
बैठक में सहकारी समितियों के सशक्तिकरण पर चर्चा हुई और सदस्यों ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।