ताजा खबरें

नाबार्ड ने बनाई राजस्थान के लिए 4.40 लाख करोड़ रुपये की ऋण योजना

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजस्थान में 4.40 लाख करोड़ रुपये के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22% अधिक है।

स्टेट क्रेडिट सेमिनार के दौरान सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने स्टेट फोकस पेपर (एसएफपी) 2025-26 का विमोचन किया। इस अवसर पर मंजू राजपाल, प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता), बलराज सिंह, वीसी, एसकेएनएयू, जोबनेर, टीकम चंद बोहरा, एमडी-राजफेड और डॉ. राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड भी उपस्थित रहे।

मंत्री ने नाबार्ड की ऋण योजना की सराहना की और बैंकों, सरकारी विभागों एवं अन्य हितधारकों से एकजुट होकर लक्ष्यों को प्राप्त करने का आह्वान किया।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय के गठन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि “सहकार से समृद्धि” अभियान के तहत कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जिनमें पैक्स का कंप्यूटरीकरण, बहुउद्देश्यीय पैक्स की स्थापना और विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शामिल हैं।

मंजू राजपाल ने बताया कि मई 2025 तक 5,000 पैक्स को “गो लाइव” करने का लक्ष्य है और पैक्स के प्रशिक्षण व अभिमुखीकरण कार्यक्रमों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले 150 नए गोदामों का निर्माण किया जा रहा है।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच ने बताया कि कुल आकलित ऋण संभाव्यता में 47% कृषि व संबद्ध कार्यों, 45% एमएसएमई और 8% अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि एसएफपी को वार्षिक ऋण योजना का आधार बनाया जाएगा, जिससे कृषि आधारभूत संरचना, मूल्य संवर्धन और किसान उत्पादक संगठनों को बढ़ावा मिलेगा।

सेमिनार के दौरान सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों और कृषक उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया गया।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close