
कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सहकारिता मंत्रालय की अनुदान मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूतानी और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता जलंधर लोकसभा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने की, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और सहकारी क्षेत्र के विकास को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह ने राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस डैशबोर्ड की जानकारी ली और अपने क्षेत्र में सहकारी समितियों के विस्तार हेतु मंत्रालय से सहयोग मांगा। उन्होंने सहकारी क्षेत्र में डेटा-आधारित नीति निर्माण और क्षेत्रीय स्तर पर संगठनों को समर्थन देने की आवश्यकता पर बल दिया।
पिछले तीन वर्षों में 56 प्रमुख योजनाएं सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए चलाई गई हैं। आईसीए ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस 2024 के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। तूर दाल किसानों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिससे पंजीकरण, खरीद और भुगतान की प्रक्रिया आसान होगी। शहरी सहकारी बैंकिंग को सशक्त बनाने के लिए एक अंब्रेला संगठन स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया।
सहकारी क्षेत्र में जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड और उत्तराखंड जैविक कमोडिटी बोर्ड के बीच समझौता हुआ है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए 10,000 बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित करने की योजना बनाई गई है। नाबार्ड के सहयोग से बैंक मित्र सहकारी समितियों के लिए माइक्रो-एटीएम की सुविधा शुरू की गई है।
मत्स्य सहकारी समितियों के सशक्तिकरण के लिए 1,000 मौजूदा समितियों को फिश फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन में बदला जाएगा, जिसके लिए सरकार ने 225.50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में तीन नई बहु-राज्यीय सहकारी समितियां गठित की गई हैं, जो निर्यात, प्रमाणित बीज और जैविक उत्पादों के क्षेत्र में कार्य करेंगी। सहकारी समितियों को कर राहत प्रदान करने के लिए विशेष नीति लागू की गई है, वहीं चीनी मिलों के पुनरुद्धार हेतु नीतिगत सुधार और कर राहत के उपाय किए जा रहे हैं।
इस बैठक में समिति के अन्य सदस्यों, मंत्रालय के अधिकारियों और सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य सहकारी आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाना और आर्थिक विकास में सहकारी समितियों की भूमिका को सशक्त करना था।